राजस्थान की राजनीति में आजकल आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वसुंधरा राजे ने कहा कि कई लोग षड्यंत्रपूर्वक एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं कि ‘वो तो मिले हुए हैं, उनमें तो मिलीभगत हैं’. पूर्व सीएम ने कहा कि जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे रोज़-रोज़ कर्णभेदी और अमर्यादित भाषा सुनने को मिली हों, उनसे मिलीभगत कैसे सम्भव है.
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Jaipur News: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इशारों ही इशारों में विरोधियों पर जम कर प्रहार किए. उन्होंने कहा कि विश्नोई समाज के 29 नियमों में से 13वां नियम निंदा नहीं करना और 14वां नियम झूंठ नहीं बोलना है लेकिन कई लोगों को निन्दा और झूठे आरोप लगाए बिना नींद ही नहीं आती लेकिन झूठे आरोप उसी पर लगते हैं, जो की नींद उड़ा कर रखे.
वसुंधरा राजे ने कहा कि कई लोग षड्यंत्रपूर्वक एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं कि ‘वो तो मिले हुए हैं, उनमें तो मिलीभगत हैं’. पूर्व सीएम ने कहा कि जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे रोज़-रोज़ कर्णभेदी और अमर्यादित भाषा सुनने को मिली हों, उनसे मिलीभगत कैसे सम्भव है. क्या कभी दूध और नींबू रस आपस में मिल सकते हैं? राजे ने गुरुवार को सूरतगढ़ में विश्नोई समाज के जम्भेश्वर मंदिर कलश स्थापना समारोह में यह बात कही.
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उन्होंने कहा कि विश्नोई समाज के 20वें नियम में है-अहंकार का त्याग, जो नये-नये राजनीतिज्ञों में होता है. हल्दी की गांठ क्या मिल जाती है, पंसारी समझ लेते हैं. न छोटों से सद व्यवहार और न बड़ों का सम्मान पर हमारी पार्टी में ऐसा नहीं है. वे बोलीं कि विश्नोई समाज का 10वां नियम है क्षमा पर जो क्षमा करने योग्य ना हो, उसे क्षमा नहीं करना चाहिए. पूर्व सीएम ने कहा कि 12वां नियम है-चोरी नहीं करना.
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भ्रष्टाचार एक क़िस्म की चोरी ही है, जहां बिना पैसे काम नहीं होते, वहां महंगाई कैसे कम होगी? लगाना ही है तो भ्रष्टाचार राहत कैंप लगाए. महंगाई अपने आप कम हो जाएगी. उनका यह कटाक्ष था गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंपों पर. पूर्व सीएम ने कहा कि सम्पूर्ण समाज का जो भला कर सके, ऐसे लोगों का ही साथ दो ताकि हम आपकी फिर से सेवा कर सके.