Rajasthan- अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे को ही दे दिया खुला चैलेंज, क्या महारानी करेंगी चुनौती एक्सेप्ट
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Rajasthan- अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे को ही दे दिया खुला चैलेंज, क्या महारानी करेंगी चुनौती एक्सेप्ट

CM Ashok gehlot News:  राजस्थान चुनाव में अब एक नए हथियार की चर्चा जोरों पर है, जिसका नाम 'चुनौती' है. इस हथियार को खुद सीएम गहलोत  ने ही चलाया है. यह हथियार सीएम ने वसुंधरा राजे पर चलाते हुए बहस के लिए आमंत्रित किया है. 

Rajasthan- अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे को ही दे दिया खुला चैलेंज, क्या महारानी करेंगी चुनौती  एक्सेप्ट

CM Ashok gehlot News: चुनाव का मौसम है. मुकाबले की आधी से ज्यादा तस्वीर साफ हो चुकी है. नेता मैदान में उतर चुके हैं. सब अपना-अपना पाला संभाल रहे हैं. लेकिन पाला संभालने के साथ ही अब ललकार की गूंज भी होने लगी है. कभी बयानों के तीर चल रहे हैं? तो कभी पलटवारों की ढाल से उसका बचाव हो रहा है. .... लेकिन अब बयानों के तीर से बढ़कर बात चैलेन्ज पर आ गई है. सीधे फेस-टू-फेस मुकाबले की चुनौती दे दी? गई है. और चुनौती भी मिली हैं? सरकार के मुखिया से. 

एम अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे को कांग्रेस की सात गारन्टी पर अपने साथ बहस की चुनौती दी? है. लेकिन इस चुनौती के साथ ही सवाल यह भी उठने लगे हैं? कि क्या गहलोत बीजेपी और उसके नेताओं को ट्रेप करने के लिए ऐसा कर रहे हैं? सवाल यह भी कि क्या बीजेपी इसमें ट्रेप होगी? सवाल यह कि आखिर गहलोत ने वसुंधरा राजे को ही चुनौती क्यों दी? सवाल यह कि अगर चुनौती हैं? तो मंच कौन सा होगा? और सवाल यह भी कि पिछले 20 साल में दुआ-सलाम से आगे बमुश्किल किसी तरह का संवाद करते दिखे गहलोत और राजे क्या वाकई एक-दूसरे से बहस करेंगे? 

राजस्थान में चुनावी मौसम अपने रंग दिखाने लगा है.  राजनेता एक-दूसरे पर ज़ुबानी हमले करने को लेकर पूरी तरह तैयार है. ऐसे में पार्टियां अब नया हथियार लेकर सामने आई हैं. इस हथियार में न अस्त्र है न ही कोई शस्त्र.  और इस हथियार का प्रयोग  सीएम अशोक गहलोत ने किया है. यह  चुनौती का हथियार है. इस हथियार को चलाते हुए सीएम गहलोत ने बीजेपी के संगठन को चैलेन्ज नहीं किया, बल्कि अपना प्रतिद्वंद्वी चुनते हुए सीधे पूर्व मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधा है. 

सीएम गहलोत ने दी खुली चुनौती

सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि राजस्थान चुनाव 2023 का मुख्य मुद्दा है कांग्रेस पार्टी द्वारा दी जा रही 7 गारंटियां. विपक्षी दल की नेता वसुन्धरा राजे सिंधिया जी को मैं चुनौती देता हूं कि मेरे साथ #कांग्रेस_की7गारंटी पर एक बहस करें. 

 

 

गहलोत की 7 गारन्टी -

गृह लक्ष्मी योजना के तहत प्रत्येक महिला मुखिया को सालाना 10 हज़ार रुपये

500 रुपए में 1 करोड़ 4 लाख परिवारों को गैस सिलैण्डर

दो रुपए प्रतिकिग्रा की दर से गौ-वंश पशुओं का गोबर खरीद

बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षा

सरकारी कॉलेज के पहले साल में दाखिल होने वालों को लैपटॉप/टैबलेट

प्रत्येक परिवार को आपदा कवर के तहत 15 लाख का आपदा राहत बीमा

ओपीएस की गारन्टी के लिए कानून लाना

क्या राजे करेगी  चुनौती स्वीकार!

उधर, वसुंधरा राजे ने भी बहस की इस चुनौती को फिलहाल तो स्वीकार नहीं किया... लेकिन कांग्रेस सरकार को बदले की भावना से काम करने वाला जरूर बता दिया. झालावाड़ में अपने वोटर्स के बीच राजे ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने झालावाड़ के विकास को ब्रेक लगाए , लेकिन साथ ही उन्होंने जनता से चिन्ता नहीं करने की अपील भी की. 

झालावड़ रैली में पीएम का किया गुणगान

 इसके साथ ही राजे ने मोदी सरकार को राम मन्दिर निर्माण साकार करने वाला, गरीब कल्याण के लिए काम करने वाला और देश के लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने वाला बताया. ... बिना वन-टू-वन बहस के राजे ने कह दिया कि गहलोत सरकार ने प्रदेश को बदहाल किया है.

सीएम ने राजे को कहा विपक्षी दल का नेता

अपने ट्वीट में सीएम गहलोत ने राजे को विपक्षी दल की नेता कहकर सम्बोधित किया है. सीएम अच्छी तरह जानते हैं कि नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे नहीं बल्कि राजेन्द्र राठौड़ हैं. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि आखिर इस चुनौती और राजे को विपक्ष की नेता लिखने के पीछे क्या मंशा रही होगी? साथ ही सवाल यह भी कि क्या वाकई राजे चुनाव से ठीक पहले यह चुनौती स्वीकार करेंगी?

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