प्रतापगढ़: बिना खाद के 50 प्रतिशत से अधिक खेतों में हुई बुवाई, यूरिया की किल्लत से किसान परेशान
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प्रतापगढ़: बिना खाद के 50 प्रतिशत से अधिक खेतों में हुई बुवाई, यूरिया की किल्लत से किसान परेशान

Pratapgarh News: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में किसानों को बिना खाद के ही बुवाई कर दी है, ऐसे में उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना है. इस बार रबी बुवाई के सीजन की शुरुआत से ही खाद नहीं मिलने की समस्या बनी हुई है. 

प्रतापगढ़: बिना खाद के 50 प्रतिशत से अधिक खेतों में हुई बुवाई, यूरिया की किल्लत से किसान परेशान

Pratapgarh News: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में इस बार अधिकांश किसानों को बिना खाद के ही बुवाई करनी पड़ी है. हालात यह है कि जिले में 50 प्रतिशत से अधिक खेतों में बुवाई हो चुकी है, जबकि सहकारी समितियों में खाद नहीं पहुंचा है. ऐसे में उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना है. 

जिले में इस बार रबी बुवाई के सीजन की शुरुआत से ही खाद नहीं मिलने की समस्या बनी हुई है. इसके लिए किसानों ने भी प्रदर्शन किए है. भाजपा की ओर से भी प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. ऐसे में किसानों ने बिना खाद के ही खेतों में बुवाई कर दी है. कई किसानों ने बाजार से महंगे दामों में खाद खरीदकर खेतों में डाला है. 

किसानों को सहकारी समितियों में खाद नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को मजबूरी में अधिक दामों में बाजार से यूरिया खरीदना पड़ रहा है. इस बार अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े तक बारिश हुई है, ऐसे में पानी भी उपलब्ध है. इसे देखते हुए विभाग की ओर से रबी का रकबा बढ़ाया है, जिसमें गेहूं का रकबा काफी बढ़ाया गया है. 

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आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष गेहूं का रकबा 52 हजार हैक्टेयर से बढ़ाकर 72 हजार किया गया है, जबकि कुल रकबा भी बढ़ाया गया है, जो एक लाख 40 हजार से एक लाख 51 हजार तक किया गया है. काफी इंतजार के बाद यहां क्रय-विक्रय सहकारी समिति में बुधवार रात खाद पहुंचा. 

इसकी सूचना मिलते ही किसान पहुंचना शुरू हो गए है. ऐसे में ऑफिस खुलने से पहले ही यहां किसानों की कतारें लग गई. हालात यह हो गए कि यहां मार्ग पर जाम लग गया. वाहन भी यहां खड़े होने से मार्ग पर जाम की स्थिति हो गई है, यहां सहकारी समिति की ओर से एक-एक किसानों को एक-एक बैग दिया गया. खाद के मात्र 425 पत्ते ही आने के चलते अधिकतर किसानों को खाली हाथी लौटना पड़ा.

Reporter: Vivek Upadhyay

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