संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने सुखाड़िया स्टेडियम में आयोजित नववर्ष प्रतिपदा उत्सव में लिया भाग, कही ये बात
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संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने सुखाड़िया स्टेडियम में आयोजित नववर्ष प्रतिपदा उत्सव में लिया भाग, कही ये बात

संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने सुखाड़िया स्टेडियम में आयोजित नववर्ष प्रतिपदा उत्सव में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें हमारी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए.

संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने सुखाड़िया स्टेडियम में आयोजित नववर्ष प्रतिपदा उत्सव में लिया भाग, कही ये बात

Pratapgarh: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरोधी लोग आज संघ को नष्ट करने के लिए कई तरह के कुचक्र रच रहे हैं. लेकिन संघ ने कोई ताश के पत्तों का महल नहीं बनाया है जो एक हवा के झोंके में ढह जाएगा. इसके लिए कई स्वयंसेवकों ने अपना पूरा जीवन खपा दिया, अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया. यह बातें आज प्रतापगढ़ में संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने सुखाड़या स्टेडियम में आयोजित वर्ष प्रतिपदा उत्सव के दौरान कही .इस दौरान स्वयंसेवकों ने योग व्यायाम एवं दंड कार्यक्रम प्रस्तुत किए .

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से आज शहर के सुखाड़िया स्टेडियम में वर्ष प्रतिपदा उत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संघ के गणवेशधारी स्वयंसेवक उपस्थित रहे. यहां पर उन्होंने नियुद्ध, योग, व्यायाम ,दंड प्रयोग आदि का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व संघ के स्वयंसेवकों द्वारा आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया गया. बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने कहा कि संघ अब अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है. अब संगठन को समय देने वालों की आवश्यकता है ,उन्होंने स्वयंसेवकों से समय देने की अपील की .उन्होंने कहा कि संघ में प्रचारक तो मुट्ठी भर है महत्त्व गृहस्थ स्वयंसेवकों का ज्यादा है जो समय के समर्पण के साथ धन भी दे रहे हैं.

उन्होंने वर्ष प्रतिपदा के विषय में बोलते हुए कहा कि हमें हमारी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए. त्योहार हमारी संस्कृति के परिचायक है .पहले कभी हिंदू नव वर्ष पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए लोगों से आग्रह करना पड़ता था और गिनती के लोग शामिल होते थे .आज समाज जागृत हो चुका है आगे रहकर समाज के लोग नव वर्ष के आयोजन कर रहे हैं .सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए अब समाज खड़ा हो गया है. निंबाराम ने सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण आदि विषयों पर भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि आज संघ के विरोधी कहते हैं कि देश की आजादी में संघ का कोई योगदान नहीं था उनको ध्यान रखना चाहिए कि पूर्ण स्वराज का आंदोलन 1930 में चला तो संघ की महत्वपूर्ण भूमिका थी . 

देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना हर स्वयंसेवक का संकल्प है .इस दौरान उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार के जीवन परिचय से भी स्वयंसेवकों को अवगत कराया. निंबाराम ने कहा कि आज संघ कुछ नहीं करेगा और स्वयंसेवक कुछ नहीं छोड़ेगा की पद्धति पर कार्य किया जा रहा है. निष्क्रिय स्वयंसेवकों को भी इस शताब्दी वर्ष में सक्रिय कर प्रत्येक गांव तक संघ की शाखाओं को पहुंचाने का लक्ष्य है .कार्यक्रम का समापन घोष की मधुर स्वर लहरियों के साथ हुआ.

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