Rajsamand today news: राजस्थान के राजसमंद जिले के आमेट में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दिव्यांग महिला चिकित्सक ने अपने सीनियर्स डॉक्टर से परेशान होकर नींद की गोलियां खा ली. मामले ने अब तूल पकड़ लिया है.
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Rajsamand news: राजस्थान के राजसमंद के आमेट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एक दिव्यांग महिला चिकित्सक ने अपने सीनियर्स डॉक्टर से परेशान होकर नींद की गोलियां खा ली.
जब इस पूरे मामले को लेकर राजसमंद सीएमएचओ डॉ. प्रकाश चंद्र शर्मा से बात करनी चाही तो उन्होंने पहले तो कैमरे के सामने बात करने से मना कर दिया, इसके बाद जैसे तैसे वो इस मामले पर बात करने को राजी हुए और बस जांच कमेटी गठन करने की बात कहते हुए ..पल्ला झाड़ लिया.
आपको बता दें कि दिव्यांग महिला डॉक्टर ममता प्रजापत का अभी भी राजसमंद के आरके हॉस्पिटल में उपचार जारी है. वहीं कई लोग दिव्यांग डॉक्टर के समर्थन में आ गये हैं.
इन लोगों का कहना है कि दिव्यांग महिला ममता प्रजापत अपने काम को बेहतर जानती हैं और सभी मरीजों का इलाज भी अच्छा करती हैं. लेकिन स्थानीय डॉक्टर किसी बाहरी डॉक्टर को यहां रहने नहीं देना चाहते हैं.
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जानकारी के अनुसार 6 महीने पहले भी स्थानीय लोगों ने रैली निकाली थी और एसडीएम ऑफिस जाकर सीएमएचओ राजसमंद के नाम आमेट के एक सीनियर्स डॉक्टर के खिलाफ ज्ञापन दिया था.
उस वक्त समय रहते सीएमएचओ डॉ. प्रकाश चंद्र शर्मा ने अगर संज्ञान लिया होता तो शायद आज स्त्री रोग विशेषज्ञ एक दिव्यांग महिला चिकित्सक को इस तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.
बताया जा रहा है कि पहले ही कई बार लोगों ने आमेट के सीनियर्स डॉक्टर के खिलाफ कई शिकायतें की. लेकिन हर बार सीएमएचओ की मेहरबानी के चलते डॉक्टर की मनमर्जी चलती रही. जो जनता और मुख्य स्टाफ दोनों पर भारी पड़ रही है.
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मुख्य बात ये है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आमेट पर यही रवैया रहा तो आने वाले समय में कभी कोई डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ यहां आना पसंद नहीं करेगा.
जानकारी के अनुसार पिछले 2 साल में कई नर्सिंग स्टॉफ अपना तबादला करा कर दूसरी जगह जा चुके हैं. वहीं अब मामला बढ़ता देख सीएमएचओ ने एक बार फिर जांच कमेटी का गठन कर दिया है.
दिव्यांग महिला चिकित्सक के पति ने आरोप लगाया है कि आए दिन सीनियर्स डॉक्टर, नोटिस देकर परेशान कर रहे हैं. जिसको लेकर चिकित्सा विभाग के अधिकारी और पुलिस के अधिकारियों को भी शिकायत की गयी है, लेकिन अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है.