Jagdish Kumar: कौन हैं सीकर के जगदीश कुमार, जो खेती से तोड़ने वाले हैं ये रिकॉर्ड, अब इन सबकी बनें पहली पसंद
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1689265

Jagdish Kumar: कौन हैं सीकर के जगदीश कुमार, जो खेती से तोड़ने वाले हैं ये रिकॉर्ड, अब इन सबकी बनें पहली पसंद

Jagdish Kumar: अपने मजबूत हौसलो से देशभर में अपनी कामयाबी का डंका बजानें वाले सीकर के अजीतगढ़ निवासी जगदीश प्रसाद पारीक किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उम्र 75 की है लेकिन कारनामें आज भी जबरदस्त हैं. पद्मश्री से सम्मानित और देशभर के आईआईटीयन की पसंद ये किसान अपनी फसल से लाखों की कमाई करता है.

 

Jagdish Kumar: कौन हैं सीकर के जगदीश कुमार, जो खेती से तोड़ने वाले हैं ये रिकॉर्ड, अब इन सबकी बनें पहली पसंद

Jagdish Kumar:  नाम जगदीश कुमार है, सीकर जिले से हैं. उम्र भी 75 साल की है. लेकिन खेती करके ऐसा नाम कमाया है कि देश के कई राष्टपति तक भी उनके दिवाने हो गए हैं. एक नहीं कई मंचों पर सम्मानित किया गया है.

पद्मश्री भी मिल चुका है. क्योंकि खेती करने का इनका तरीका मॉर्डन नहीं बल्कि गांधी वादी था. आखिर सीकर के अजीतगढ़ निवासी जगदीश प्रसाद पारीक  कि क्या खासियत जो उन्हें खेत से लेकर बड़ महानगरों तक एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है. अब देशभर के आईआईटीयन की भी पसंद जगदीश बन चुके हैं.

जैविक खाद का ही करते हैं प्रयोग 
अजीतगढ़ में जगदीश करीब 20 एकड़ की भूमी में चुकनदर की खेती करते हैं, उनकी खास बात यह है कि वो खेतों में जैविक खाद का ही प्रयोग करते हैं, रासयनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वह 54 साल से खेती कर रहे हैं, और जैविक खाद का ही इस्तेमाल करते हैं.

उन्होंने बताया कि चुकंदर से 3 महीने में 1 लाख की कमाई होती है. चुकंदर का भाव 40 रुपए प्रति किलो मिल रहा है. खेत से ही व्यापारी चुकंदर का सौदा कर ले जाते हैं. उनके चुकदर की चमक दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में रहती है.

गहरी जुताई जरूरी
जगदीश ने बताया कि सबसे पहले खेत की गहराई से जुताई करें. खरपतवार हटाकर गोबर की खाद से खेत तैयार करें. क्यारी बनाकर मेड़ पर चुकंदर की बुवाई करें. चुकंदर के बीजों को 2 सेंटीमीटर की गहराई तक बोएं.दूसरा बीज 10 सेंटीमीटर की दूरी पर. चुकनदकर कई प्रकार से शरीर के लिए लाभप्रद है. जिन लोगों के शरीर में खून की कमी है उनके लिए चुकनदर रामवाण है.

सालाना कमा रहे 15 लाख रुपए
जगदीश प्रसाद अपने फार्म हाउस में सब्जियां, दलहनी फसलें, तिलहन और फ्रूट्स उगाते हैं। खेती को लेकर हर दिन नए-नए शोध करते हैं.इसके साथ ही सब्जियों, फसलों के बीज भी तैयार करते हैं.फल, सब्जी, बीज आदि से उनकी सालाना कमाई 15 लाख रुपए है. उन्हें मार्केट भी नहीं जाना पड़ता,व्यापारी खुद उनके फार्म हाउस आते हैं. वजह है बेहतरीन क्वालिटी.

मेरी खेती गांधीवादी है-जगदीश
जगदीश का कहना है,'मैं खेती में जहरीली दवाएं इस्तेमाल नहीं करता.मैं गांधीवादी हूं. अहिंसा में यकीन करता हूं. दवा के छिड़काव से सूक्ष्म जीव मर जाते हैं.हर जीव कुदरत के लिए जरूरी है.इसलिए ऑर्गेनिक तरीके से ही खेती करता हूं. जो जीवों को बचाकर की जाए,मैं मानता हूं वही जैविक खेती है. मैंने कभी फसल खराबे का मुआवजा नहीं मांगा। न कोई आंदोलन किया.

आईसीआर ने मंजूरी दी
जगदीश के तैयार किए गए बीज प्रमाणिक हैं. वह जैविक मेडिकेटेड तरीके से बीज तैयार करते हैं,जिसे भारत सरकार ने मान्यता दी है और सीड को आईसीआर ने मंजूरी दी है.

अब देश के कई राज्यों से किसान जगदीश से संपर्क करते हैं,उनसे परामर्श लेते हैं.वो कई देश भर के किसानों के लिए आदर्श बन चुके हैं.अब तक देश के 6 राष्ट्रपति से मिल चुके सीकर के जगदीश.

ये भी पढ़ें- CM Ashok Gehlot: ये राजस्थान का लोकतंत्र है, जहां सब एक मंच पर मौजूद हैं, देश में भी लागू हो ये परंपरा बोले-सीएम गहलोत

 

Trending news