उदयपुर के कोटड़ा उपखंड कार्यालय में चक साडमारीया और बुजा गांव प्रस्तावित बांधों के निर्माण से आदिवासी समाज पर संकट आया है, वह बांध निर्माण का विरोध लगातार कर रहे है. क्योंकि उनका कहना है कि बांध बनने को बाद 35000 से भी ज्यादा परिवार प्रभावित होंगे.
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Udaipur News: उदयपुर जिले के कोटडा उपखंड कार्यालय पर चक साडमारीया और बुजा गांव में प्रस्तावित बांधों के निर्माण के विरोध अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे आदिवासी समाज के लोगों का प्रदर्शन आज चौथे दिन भी जारी रहा. क्षेत्र के ग्रामीण बारी बारी से उपखंड कार्यालय के बाहर धरना दे रहे है. दरअसल, सिरोही, पाली और जोधपुर जिले में पेयजल आपूर्ति को लेकर उदयपुर जिले के कोटड़ा ओपन क्षेत्र में साबरमती और सई नदी पर बांधों का निर्माण किया जा रहा है. जिसकी वित्तीय स्वकृति भी जारी कर दी है.
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बांधों के निर्माण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि इन बांधों के बनने से करीब 35000 से भी ज्यादा परिवार प्रभावित होंगे जिन्हें विस्थापित होना पड़ेगा. ऐसे में यहां पर बांधों के निर्माण का काम रोका जाए. उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे आदिवासी समाज के लोगों ने गुरुवार को कस्बे में ढोल बजाते हुए रैली निकाली और कार्यालय के बाहर पुतला फूंका.
वहीं 4 दिन के प्रदर्शन के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों का कोई भी दल आदिवासी समुदाय के लोगों से वार्ता करने के लिए नहीं पहुंचा है. ऐसे में आदिवासी समाज के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. संभावना जताई जा रही है कि अगले 2 से 3 दिन में अगर आदिवासी समुदाय के लोगों को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन कर सकते हैं. ऐसे में उदयपुर में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान संभवतः कोटडा में आदिवासियों का उग्र प्रदर्शन हो सकता है .
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