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Rampur Bypoll 2022: उत्तर प्रदेश रामपुर सदर विधानसभा चुनाव में हुए मतदान को लेकर भाजपा और समाजवादी पार्टी में जंग जारी है. समाजवादी पार्टी ने बुधवार को भारत निर्वाचन आयोग सहित देश की संवैधानिक संस्थाओं से उपचुनाव के दौरान प्रशासन द्वारा ''लोकतंत्र की हत्या'' की जांच कराने की अपील की. उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने आरोप लगाया कि सरकार ने सोमवार के उपचुनाव के दौरान "सभी सीमाएं" पार कर दीं.
पांडे ने कहा कि जिस तरह से पुलिस की मदद से एक विशेष धर्म और वर्ग के मतदाताओं को मतदान करने से रोका गया, वह लोकतंत्र की हत्या के बराबर है. हम चुनाव आयोग (भारत के) सहित सभी संवैधानिक संस्थानों से अपील करते हैं कि वे रामपुर उपचुनाव के दौरान ज्यादतियों (सत्ता की) की जांच स्वतः संज्ञान लेकर करें क्योंकि यह मामला किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि लोकतंत्र की रक्षा का है.
रामपुर सदर में कथित पुलिस ज्यादती के वीडियो भी पांडे द्वारा चलाए गए. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वोट का अधिकार सबसे बड़ा अधिकार है और सरकार ने इसे छीन लिया. उन्होंने कहा कि रामपुर सदर में निष्पक्ष चुनाव की मांग करने वालों को लाठियों से बुरी तरह पीटा गया. क्या सपा इस मुद्दे को अदालत में ले जाएगी? इस सवाल के जवाब में पांडे ने कहा कि हमें अभी भी चुनाव आयोग (भारत के) पर भरोसा है कि वह इन सभी तथ्यों की जांच करेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा.
पिछले महीने अभद्र भाषा मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद विधायक के रूप में आजम खान को अयोग्यता ठहराए जाने के कारण रामपुर सदर में उपचुनाव कराया गया था. रामपुर सदर में शाम छह बजे तक लगभग 33.94 प्रतिशत मतदान दर्ज करने के साथ मतदान धीमा रहा. इसकी तुलना में, जून में लोकसभा उपचुनावों के दौरान इस क्षेत्र में मतदान 41 प्रतिशत था, जबकि इस साल की शुरुआत में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान 56.35 प्रतिशत मतदान हुआ था.
सोमवार को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख नरेश उत्तम पटेल, प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी, पांडे सहित अन्य नेताओं ने लखनऊ में मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला से मुलाकात की और तीनों उपचुनावों में प्रशासन और पुलिस पर धांधली का आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में सपा ने प्रशासन पर लोगों को वोट डालने से रोकने का आरोप लगाया. सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह भी आरोप लगाया कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी लोगों को वोट डालने से रोक रहे थे, खासकर रामपुर सदर में. सोमवार को मैनपुरी संसदीय क्षेत्र और खतौली विधानसभा क्षेत्र के लिए भी उपचुनाव हुए.
मुस्लिम आबादी वाले रामपुर सदर में कम मतदान पर, आज़म खान के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने धमकी दी, परेशान किया और लोगों को मतदान करने से रोका. राज्य सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है. पांडेय ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीन दिन के बजाय दो दिन बाद समाप्त होने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार जनता से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती. इसलिए, एक साजिश के तहत, सत्र को घटाकर दो दिन कर दिया गया.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)