गणतंत्र दिवस हिंसा: कोर्ट ने आरोपियों को दोबारा जारी किया समन, 12 जुलाई को सुनवाई
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गणतंत्र दिवस हिंसा: कोर्ट ने आरोपियों को दोबारा जारी किया समन, 12 जुलाई को सुनवाई

तीस हजारी कोर्ट ने 12 जुलाई को सभी आरोपियों को पेश होने के लिए कहा है. सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी सौंपी जाएगी. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में तीस हजारी कोर्ट में हुई सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को दोबारा समन जारी किया है. तीस हजारी कोर्ट ने 12 जुलाई को सभी आरोपियों को पेश होने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई इस दिन होगी और सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी सौंपी जाएगी. 

पिछली सुनवाई में नए आरोप पत्र को लेकर अदालत ने कहा था कि इसमें मामले की जांच अधिकारी ने उन प्रत्यक्षदर्शियों के नाम का जिक्र किया है, जो हिंसा में गंभीर रूप से घायल हुए या जिनसे हथियार छीने गए.

दीप सिद्धू और अन्य आरोपियों के खिलाफ नए समन 

दिल्ली की एक अदालत ने गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में मंगलवार को अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू और अन्य आरोपियों के खिलाफ नए समन जारी किए हैं.

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह नागर ने सभी आरोपियों को 12 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. अदालत को सूचित किया गया था कि पहले जो समन जारी किए गए थे वे आरोपियों को नहीं मिले जिसके बाद अदालत ने नए समन जारी किए.

इससे पहले, 19 जून को न्यायाधीश ने मामले में आरोप-पत्र का संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को 29 जून को पेशी के लिए समन जारी किए थे, लेकिन मंगलवार को आरोपियों में से केवल एक हरजोत सिंह ही अदालत में पेश हुए. अन्य आरोपियों के वकीलों ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किलों को अब तक समन नहीं दिए गए हैं.

ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले में घुस आए थे और उनके तथा पुलिस के बीच हुई झड़प में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता सिद्धू फिलहाल जमानत पर है.

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों (New Farm laws) को वापस लेने की मांग के पक्ष में 26 जनवरी को हजारों की संख्या में किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाली थी, लेकिन कुछ ही देर में दिल्ली की सड़कों पर अराजकता फैल गई. कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ भी उनकी झड़प हुई. उपद्रवियों ने लाल क़िला (Red Fort) पर झंडा फहरा दिया जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया.

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