सावधान! Corona के बाद नई मुसीबत ने दी दस्तक, तेजी से बढ़ रहा 'बहरे होने' का खतरा
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सावधान! Corona के बाद नई मुसीबत ने दी दस्तक, तेजी से बढ़ रहा 'बहरे होने' का खतरा

कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों में बहरेपन का खतरा बढ़ने लगा है. सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही ऐसे 15 मरीज मिल चुके हैं. डॉक्टरों ने चेताते हुए चुनिंदा सिम्टम दिखने पर 72 घंटों के अंदर इलाज कराने की सलाह दी है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली: क्या आपको भी अचानक कम सुनाई देने लगा है? क्या आपके कानों में सीटी बज रही है? अगर आप हाल ही में कोरोना (Coronavirus) से रिकवर हुए हैं, तो आपको यह ध्यान से पढ़नी चाहिए. कोरोना वायरस से रिकवर होने वाले बहुत से मरीजों में सुनाई देने की शक्ति कमजोर हो रही है और कुछ लोगों में तो यह बीमारी ला-इलाज हो चुकी है. यानी आपको पहले की तरह नहीं सुन पाएंगे. दिल्ली के एक ही सरकारी अस्पताल के ENT विभाग में ऐसे 15 मरीज अब तक आ चुके हैं.

कोरोना से हो रहा बेहरापन

दिल्ली के रहने वाले डॉक्टर सौरभ नारायण पिछले साल कोरोना वायरस की चपेट में आए थे. इसी के चलते उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल के आईसीयू में 21 दिन बिताने पड़े, जिसके बाद वे रिकवर हो गए. हालांकि उसके बाद से अब इन्हें पहले की तरह सुनाई नहीं देता. लेकिन यह बात इन्हें इतनी देर से समझ में आई कि अब हियरिंग एड (Hearing Aid) के बिना इनका इलाज नहीं हो सकता यानी यह कभी पहले की तरह ठीक तरीके से नहीं सुन पाएगें. वे दाएं कान से सुनने की शक्ति लगभग खो चुके हैं.

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दिल्ली में 2 महीने में मिले 15 मरीज

आंकड़ों पर नजर डालें तो राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पताल अंबेडकर अस्पताल में पिछले 2 महीने में ऐसे 15 मरीज आ चुके हैं जिनके कान में या तो दर्द है या फिर उन्हें सुनाई देना बहुत कम हो चुका है. यह सभी मरीज कोरोना वायरस की बीमारी से रिकवर हुए मरीज है. ज्यादातर मामलों में मरीज इतनी देरी से डॉक्टर तक पहुंच रहे हैं कि उनकी सुनाई देने की शक्ति को वापस लौटाने का, यानी समय पर इलाज का वक्त जा चुका है.

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ऐसा होने पर 72 घंटे में इलाज जरूरी

अंबेडकर अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि, अगर आपके कान में भी दर्द होता है, कान में भारीपन महसूस होता है, सीटी बजती है या आपको लगता है कि आपको कम सुनाई दे रहा है तो 72 घंटे के अंदर डॉक्टर से मिलना बेहद जरूरी है.' शुरुआत में इस हियरिंग लॉस को दवाओं से रोका जा सकता है. लेकिन अगर ज्यादा वक्त बीत जाता है तो फिर रिकवरी मुमकिन नहीं है.

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