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Satish Chandta Mishra is not star campaigner in Lok Sabha By poll: बीएसपी (BSP) में मायावती (Mayawati) के बाद नम्बर दो की हैसियत रखने वाले सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandta Mishra) को आजमगढ़ में हो रहे उपचुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में जगह न मिलना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. अभी हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीएसपी की ओर से प्रमुख सर्वे सर्वा रहे सतीश चन्द्र मिश्रा ने तकरीबन 150 से ज्यादा जनसभाएं कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया था. हालांकि बहुजन समाज पार्टी को उसका कोई खास फायदा नहीं मिला.
लेकिन आजमगढ़ चुनाव की सीट जो कि बीएसपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनीं हैं जहां पर पार्टी ने पूरी मशीनरी लगा रखी, वहीं मायावती के खास रहे सतीश मिश्रा का नाम प्रचारकों की सूची से गायब होना बड़ी बात है.
बीएसपीके एक नेता ने बताया कि विधानसभा चुनाव में पूरा दरमोदार सतीश चन्द्र मिश्रा के उपर था. लेकिन पार्टी को वह सफलता नहीं मिल पायी जो मिलनी चाहिए. मायावती लगातार समीक्षा भी कर रही है. हालांकि वह बैठकों में पहले जैसे भी सक्रिय नहीं दिखते हैं. कुछ बैठकों में गए भी नहीं है. जो जानकारी मिल रही कि राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद वह दिल्ली में भी पार्टी मजबूत करने में लगेंगे. हालांकि अभी कुछ ऐसा निर्देश आधिकारिक रूप से भी जारी नहीं हुआ है. बीते दिनों उनके खास रहे नकुल दुबे पर गाज गिरी थी और उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
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वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बीएसपी में आने के बाद से ही सतीश चंद्र मिश्रा हमेशा अहम भूमिका में नजर आए हैं. यह पहला मौका है जब उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं है. इतना ही नहीं 2007 में जब मायावती ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी थी तो दलित-ब्राह्मण समीकरण में भी सतीश चंद्र मिश्रा की अहम भूमिका थी. लेकिन अचानक आजमगढ़ के उपचुनाव में उनका नाम गायब होना कई प्रकार की अटकलों को जन्म दे रहा है.
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी ने आजमगढ़ में हो रहे लोकसभा उपचुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के बाद प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर, मुनकाद अली, डा. विजय प्रताप गौतम, राजकुमार गौतम के नाम शामिल है.
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