VHP Brajmandal Yatra: हिंदू संगठनों ने ब्रजमंडल यात्रा निकालने का आह्वान किया है. 28 अगस्त को सुबह 11 बजे यात्रा निकालने की तैयारी है. लेकिन उससे पहले ही नूंह की सीमा पर गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है.
Trending Photos
Haryana Violence: हरियाणा में नूंह की सभी सीमाएं सील हैं और बड़ी तादाद में पुलिस से लेकर सुरक्षाबलों के जवान मुस्तैद हैं. किसी भी अनजान शख्स और वाहन को प्रभावित इलाके में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा दस्ते की नजर है क्योंकि हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल यात्रा को लेकर एक बार फिर से माहौल गर्म हो गया है. पुलिस ड्रोन की मदद से सर्विलांस कर रही है.
दरअसल, वीएचपी से लेकर कई हिंदू संगठनों ने सोमवार यानी 28 अगस्त को हर हाल में फिर से ब्रजमंडल यात्रा निकालने का ऐलान किया है. ये तैयारी तब हो रही है जब इलाके में माहौल तनावपूर्ण है. नूंह में 29 अगस्त तक इंटरनेट और SMS सेवा बंद कर दी गई है.
प्रशासन ने नहीं दी अनुमति
प्रशासन से लेकर खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ब्रजमंडल यात्रा को अनुमति नहीं दी है. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सावन का आखिरी सोमवार है इसलिए श्रद्धालुओं को रोका नहीं जा रहा है. लेकिन वो अपने घर के पास के ही शिवमंदिरों ने जलाभिषेक करें, स्थान विशेष की यात्रा न करें.
वहीं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बाकायदा यात्रा का पूरा प्लान आज बताया. उन्होंने बताया कि तीन जगहों से यात्रा निकलेगी. उन्होंने सरकार को चेताया कि धार्मिक कामकाज से सरकार किसी को रोक नहीं सकती. विश्व हिंदू तख्त के प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने कहा है कि कुछ भी कर लें यात्रा नहीं रुकेगी. ऐसे में प्रशासन की ना में भी यात्रा की हां के सवाल पर विपक्ष हमलावर है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि यात्रा की अनुमति नहीं है फिर भी यात्रा निकाले जाने की तैयारी सरकार की तरफ से मौन स्वीकृति है. राशिद अल्वी कह रहे हैं कि पहले यात्रा निकाली गई उसका अंजाम सबने देख लिया, इसलिए यात्रा पर पाबंदी लगनी चाहिए. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने आरोप लगाया है कि अतिवादी ताकतें इलाके का माहौल खराब करना चाहती हैं. कुल मिलाकर नूंह पर सियासी पारा भी हाई है.
उठ रहे कई सवाल
सवाल ये उठता है कि जब सरकार किसी काम को रोकना चाहती है तो उसे जबरदस्ती अंजाम कैसे दिया जा सकता है. या वाकई कांग्रेस जो आरोप लगा रही है कि यात्रा को मौन सहमति है. क्या वो सही है. सवाल ये भी उठता है कि कुछ ही समय में चुनाव होने हैं.इसलिए नूंह में तनाव को हर तरफ से जानबूझकर हवा दी जा रही है. आखिर नूंह की यात्रा में सियासी जल कौन चढ़ाने की कोशिश कर रहा है और क्या सरकार इस बार सुरक्षा के स्तर पर पूरी तरह से तैयार है.
रद्द की गई परीक्षा
दरअसल हिंदू संगठनों ने ब्रजमंडल यात्रा निकालने का आह्वान किया है. 28 अगस्त को सुबह 11 बजे यात्रा निकालने की तैयारी है. लेकिन उससे पहले ही नूंह की सीमा पर गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है. सीएम ने तो यहां तक कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है. वहीं वीएचपी ने कहा कि ये तीर्थ यात्रा है और तीर्थ यात्रा के लिए अनुमति जरूरी नहीं है. नूंह में 29 अगस्त तक इंटरनेट सेवा बंद है, इतना ही नहीं SMS पर रोक लगाई गई है. संवेदनशील इलाकों में धारा-144 लागू है. D.El.Ed की परीक्षा तक रद्द कर दी गई है.
वीएचपी नेता सुरेंद्र जैन ने कहा कि धार्मिक यात्राओं में अनुमति नहीं ली जाती. इसलिए प्रशासन आगे बढ़कर सुरक्षा देता है. मेवात में G-20 इवेंट को लेकर मामला संवेदनशील है. यहां सारा हिंदू समाज एकजुट है. इलाके से बाहर के हिंदुओं को निमंत्रण नहीं दिया गया है. बता दें कि नूंह हिंसा में अब तक 61 FIR दर्ज हो चुकी हैं और 280 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 2 पुलिसवालों समेत 6 की मौत हुई है.