Maharashtra Political Crisis: शरद पवार भी 45 साल पहले कर चुके हैं अजित जैसी बगावत, एक झटके में पलट दिया था पासा
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Maharashtra Political Crisis: शरद पवार भी 45 साल पहले कर चुके हैं अजित जैसी बगावत, एक झटके में पलट दिया था पासा

Sharad Pawar Revolt: जैसा खेला अजित पवार (Ajit Pawar) ने एनसीपी (NCP) के साथ किया, ऐसा ही कुछ 45 साल पहले शरद पवार (Sharad Pawar) ने कांग्रेस (Congress) के साथ किया था. आइए इस सियासी घटनाक्रम के बारे में जानते हैं.

Maharashtra Political Crisis: शरद पवार भी 45 साल पहले कर चुके हैं अजित जैसी बगावत, एक झटके में पलट दिया था पासा

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में रविवार को भूचाल आ गया. महाविकास अघाड़ी (MVA) में शामिल शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी एनसीपी (NCP) को बड़ा झटका लग गया. लोकसभा चुनाव 2024 के मुकाबले से पहले ही विपक्षी एकता पर महाराष्ट्र में सवाल खड़े हो गए हैं. दरअसल, एनसीपी में शरद पवार के बाद दूसरे नंबर का कद रखने वाले उनके भतीजे अजित पवार ने बगावत कर दी और महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ शिंदे-फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए. जान लीजिए कि ऐसा ही कुछ आज से 45 साल पहले साल 1978 में अजित पवार के चाचा शरद पवार ने भी किया था. शरद पवार ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और एक झटके में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए थे.

जब शरद पवार ने फूंका बगावत का बिगुल

बता दें कि महाराष्ट्र में साल 1978 में वसंत दादा पाटिल की सरकार के खिलाफ शरद पवार ने विद्रोह किया था और अब अजित पवार की बगावत से उस समय की यादें ताजा हो गई हैं. रविवार को महाराष्ट्र में एनसीपी नेता अजित पवार सहित कई नेताओं के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के कदम ने 45 साल पहले हुए उस सियासी घटनाक्रम की यादें ताजा कर दी हैं. शरद पवार ने तब तत्कालीन सीएम वसंत दादा पाटिल की सरकार के विरुद्ध बगावत का बिगुल फूंक दिया था.

एक झटके में सीएम बन गए थे पवार

जान लें कि शरद पवार करीब 45 साल पहले कांग्रेस से विद्रोह करते हुए 40 विधायकों के साथ अलग हो गए थे, इसके चलते वसंत दादा पाटिल के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार गिर गई थी. 18 जुलाई 1978 को शरद पवार ने महाराष्ट्र के सीएम के रूप में शपथ ली थी. प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा बना था, जिसमें कई विपक्षी पार्टियां शामिल थीं.

शरद पवार ने ऐसे पलट दिया था पासा

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश जोशी ने कहा कि साल 1978 में विधानमंडल का सेशन चल रहा था और तब तत्कालीन गृह मंत्री नासिक राव तिरपुडे ने सीएम वसंत दादा पाटिल को उद्योग मंत्री शरद पवार से उनकी सरकार को खतरे के बारे में चेताया था. उन्होंने बताया कि इस पर वसंत दादा ने तिरपुडे को जवाब दिया कि शरद पवार अभी मुझसे मिले थे. उसी दिन बाद में वसंत दादा ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.

(इनपुट- भाषा)

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