Shatrunjay Parvat: भारत के इस पर्वत पर 5-10 नहीं बल्कि बने हुए हैं 900 मंदिर, हर साल उमड़ते हैं लाखों श्रद्धालु; आखिर ऐसा क्या है खास
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Shatrunjay Parvat: भारत के इस पर्वत पर 5-10 नहीं बल्कि बने हुए हैं 900 मंदिर, हर साल उमड़ते हैं लाखों श्रद्धालु; आखिर ऐसा क्या है खास

Parvat with Temples: आपने कई तीर्थस्थलों की यात्राएं की होंगी लेकिन क्या आप भारत के ऐसे अनोखे पर्वत के बारे में जानते हैं, जहां पर 5-10 नहीं बल्कि 900 भव्य मंदिर बने हुए हैं. उन मंदिरों के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु वहां उमड़ते हैं.

 

Shatrunjay Parvat: भारत के इस पर्वत पर 5-10 नहीं बल्कि बने हुए हैं 900 मंदिर, हर साल उमड़ते हैं लाखों श्रद्धालु; आखिर ऐसा क्या है खास

Shatrunjay Parvat with temples in Palitana Bhavnagar Gujarat: भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जो अपनी अजब विविधताओं से सबको हैरान कर देता है. आज हम ऐसे ही एक अजूबे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद अब तक आपको भी पता नहीं होगा. यह तो सबको पता है कि सनातन धर्म और संस्कृति को मानने वाले भारत में जगह-जगह मंदिर होना सामान्य बात है. आपको विभिन्न पर्वतों पर भी तमाम ऐतिहासिक मंदिर मिल जाएंगे, जहां पर दर्शन करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक पर्वत ऐसा भी है, जहां पर 2-4 नहीं बल्कि 900 मंदिर हैं. जी हां, आपनी सही पढ़ा. उस पर्वत पर 900 मंदिर हैं. 

इस राज्य में है ये अनोखा पर्वत

यह पर्वत गुजरात के भावनगर जिले के पालीताना इलाके में हैं. इस पर्वत का नाम 'शत्रुंजय पर्वत' (Shatrunjay Parvat) है. इस पर्वत के पास से शत्रुंजय नदी गुजरती है, जिसके नाम पर इस पर्वत का नाम पड़ा है. भावनगर शहर से इस पर्वत की दूरी करीब 50 किमी है. यह पर्वत लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है. हर साल वहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं. 

कब हुआ था निर्माण?

इन मंदिरों का निर्माण 11वीं सदी में हुआ था. ये मंदिर संगमरमर से बने हुए हैं. इनकी खूबसूरती नक्काशी ध्यानवान रूप में की गई है, जो हर किसी को मोहित कर लेती है. सुबह होने पर जब सूरज की किरणें इन मंदिरों पर पड़ती है तो वे सोने की तरह चमक उठते हैं. जबकि चंद्रमा की रोशनी पड़ने पर मोती की तरह सफेद चमकते दिखाई देते हैं. 

आखिर क्यों खास हैं ये मंदिर?

मान्यता है कि इसी 'शत्रुंजय पर्वत' (Shatrunjay Parvat) पर जैन तीर्थांकर भगवान ऋषभदेव ने ध्यान किया था. साथ ही अपना पहला उपदेश भी उन्होंने यहीं पर दिया था. इस पर्वत के मुख्य मंदिर ऊंचाई पर बने हैं, जहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को करीब 3 हजार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. कहते हैं कि जैनियों के 24 में 23 तीर्थंकर इस पर्वत पर ध्यान योग के लिए पहुंचे थे. इसके चलते जैन समुदाय में इस पवित्र को बहुत पवित्र माना जाता है. 

केवल शाकाहारी लोग करते हैं निवास

मंदिरों वाले पर्वत (Shatrunjay Parvat) के रूप में प्रसिद्ध यह इलाका पालीताना शहर में है. दिलचस्प बात ये है कि यह कानूनी रूप से शुद्ध शाकाहारी शहर घोषित है और वहां पर अंडा-मांस की कोई दुकान नहीं है. इसके चलते वहां पर केवल सात्विक विचार और शाकाहारी भोजन करने वाले लोग ही निवास करते हैं. के साथ आते हैं.

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