शिवसेना 1995 का फॉर्मूला चाहती है, जब शिवसेना-भाजपा गठबंधन पहली बार सत्ता में आया था.
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मुंबई: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यह बातचीत हुई. लेकिन उद्धव ठाकरे ने अमित शाह को साफ तौर पर कहा है कि लोकसभा सीट शेयरिंग की बातें तभी आगे बढ़ेंगी जब उससे पहले विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होगा.
1995 का फॉर्मूला
सूत्रों की मानें तो शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना 1995 का फॉर्मूला चाहती है, जब शिवसेना-भाजपा गठबंधन पहली बार सत्ता में आया था. उस वक्त शिवसेना ने 168 और भाजपा ने 116 जगहों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. हालांकि पिछले चुनावों में यह फॉर्मूला हमेशा बदलता गया है. लेकिन अबकी बार शिवसेना के तेवर बागी हैं.
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मौजूदा स्थिति
आज की विधानसभा में भाजपा के पास 122 सदस्य हैं और शिवसेना के 63 सदस्य. दोनों अलग-अलग चुनाव लड़े थे. उसके बाद हमेशा की तरह हिंदुत्व के मुद्दे पर साथ में आए. लेकिन शिवसेना, बीजेपी के खिलाफ बागी तेवर अख्तियार किए हुए है. उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी की आलोचना की. राम मंदिर मसले पर अयोध्या जाकर भाजपा को धर्मसंकट में डाल दिया.
बीजेपी की मुश्किल
भाजपा की फिलहाल की स्थिति को देखते हुए शिवसेना की यह पुराने फॉर्मूले की मांग पूरी करना मुश्किल लग रहा है. शिवसेना बार-बार 'एकला चलो रे' का नारा लगा चुकी है. ऐसे में राज्य में फिलहाल जो स्थिति बनी है उसे देखते हुए शिवसेना को साथ में लेकर चलने की भूमिका बीजेपी की है.
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दरअसल शिवसेना राज्य में बड़े भाई की भूमिका निभाना चाहती है. इसके लिए कभी अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा, कभी तीसरे मोर्चे के ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू के मंच पर जाकर शिवसेना, बीजेपी पर दबाव का इस्तेमाल कर रही है. फिलहाल इस दबाव को बीजेपी किस तरह लेगी, यह देखना दिलचस्प होगा.
(दीपक भातुसे के इनपुट के साथ)