महाराष्ट्र: गवर्नर ने याद दिलाया हिंदुत्व, संजय राउत बोले- शिवसेना न भूली, ना भूलेगी
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महाराष्ट्र: गवर्नर ने याद दिलाया हिंदुत्व, संजय राउत बोले- शिवसेना न भूली, ना भूलेगी

हिंदुत्व पर उद्धव ठाकरे के बाद अब शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने जवाब दिया है और कहा है कि शिवसेना हिंदुत्व न भूली है और न ही कभी भूलेगी. बता दें कि मंदिर खोलने की मांग के बाद संजय राउत ने सीएम उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी.

(फाइल फोटो)

मुंबई: महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) और उद्धव ठाकरे सरकार आमने-सामने आ गई है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मंदिर खोलने की मांग करते हुए राज्यपाल ने हिंदुत्व की बात याद दिलाई तो शिवसेना (Shiv Sena) सामने आ गई है. हिंदुत्व पर उद्धव ठाकरे के बाद अब शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने जवाब दिया है और कहा है कि शिवसेना हिंदुत्व न भूली है और न ही कभी भूलेगी. बता दें कि मंदिर खोलने की मांग के बाद संजय राउत ने सीएम उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी.

  1. संजय राउत ने कहा कि शिवसेना ने हिंदुत्व को कभी नकारा नहीं है.
  2. इससे पहले राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाया था.
  3. सीएम ने कहा मुझे हिंदुत्व के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.

'हिंदुत्व शिवसेना का प्राण है, आत्मा है'
संजय राउत ने कहा, 'शिवसेना ने हिंदुत्व (Hindutva) को कभी नकारा नहीं है, न हिंदुत्व भुली है और न कभी भूलेगी. हिंदुत्व शिवसेना का प्राण है, आत्मा है और हमेशा साथ रहेगा. जिन्होंने शिवसेना पर सवाल उठाए हैं उनको आत्मचिंतन करना चाहिए. जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में 3 पार्टी की सरकार चल रही है, वह बहुत मजबूत है और नियमों का पालन करके चल रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'मंदिर और बार की तुलना करना गलत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज कहा है कि महाराष्ट्र में कोरोना का खतरा टला नहीं है. यदि देश के पीएम को यहां कोरोना का खतरा लग रहा है तो महाराष्ट्र के राज्यपाल को सोचना चाहिए. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को जनता के हित में फैसला लेने का पूरा अधिकार है.'

भगत सिंह कोश्यारी ने कही थी ये बात
बता दें कि इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर मंदिर खोलने की मांग की थी. उन्होंने कहा था, '1 जून से आपने मिशन फिर से शुरू करने की घोषणा की गई, लेकिन चार महीने बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं.' उन्होंने कहा था, 'यह विडंबना है कि सरकार ने बार और रेस्तरां खोल दिए हैं, लेकिन देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की. क्या आपने अचानक खुद को धर्मनिरपेक्ष बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफरत है?'

उद्धव ठाकरे ने भी दिया था राज्यपाल को जवाब
राज्यपाल की चिट्ठी पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने भी जवाब दिया था. उन्होंने कहा, 'धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर सरकार विचार कर रही है, लेकिन जैसे एकदम से लॉकडाउन करना गलत कदम था, वैसे एकदम से सब अनलॉक करना भी गलत होगा.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'आपने मुझे हिंदुत्ववादी कहा वो सही है, पर मुझे आपके हिंदुत्व (Hindutva) के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. धार्मिक स्थलों को नहीं खोला तो सेक्युलर और खोल दिया तो हिंदुत्ववादी यही आप की सोच है क्या ?'

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