राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा मांगने के अभियान को शिवसेना ने राजनीतिक ड्रामा करार देते हुए इसे हिंदुत्व और भगवान राम का अपमान बताया. जिसके बाद बीजेपी नेता ने पलटवार करते हुए कहा शिवसेना राम मंदिर निर्माण से बेचैन है. अगर लोग सहायता करना चाहते हैं तो किसी के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए.
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मुंबई: भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने सोमवार को आरोप लगाया कि शिवसेना (Shiv Sena) द्वारा अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए जनता से दान के माध्यम से धन जुटाने के अभियान को 2024 के आम चुनाव के साथ जोड़ना यह दिखाता है उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने ‘हिन्दुत्व को त्याग दिया है.’
विधान परिषद में विपक्ष के नेता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने भी इस पहल को लेकर ऐसी आलोचनात्मक टिप्पणी की है. जिससे ऐसा लग रहा है कि पार्टी (शिवसेना) अपना जनाधार खो रही है. शिवसेना ने आज दिन में आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जनता से धन जुटाने की मुहिम भगवान राम के नाम पर 2024 आम चुनावों के लिए प्रचार का तरीका है.
पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में अपने संपादकीय में कहा है कि यह कभी तय नहीं हुआ था कि भव्य मंदिर का निर्माण जनता से मिले दान से होगा और भगवान राम के नाम पर राजनीतिक अभियान को कभी ना कभी तो रोकना होगा. सामना के कार्यकारी संपादक राउत ने संवाददाताओं से कहा, अगर भगवान के नाम पर घर-घर जाकर चंदा वसूला जा रहा है तो यह भगवान राम और हिन्दुत्व का अपमान है. किसी पार्टी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि भगवान राम के नाम पर ‘राजनीतिक ड्रामा’ बंद करें.
इस पर पलटवार करते हुए दारेकर ने कहा, ‘हम शिवसेना के बयान देख रहे हैं, ऐसा लगता है उन्होंने हिन्दुत्व को त्याग दिया है.’ शिवसेना के 2018 के अभियान ‘पहले मंदिर, फिर सरकार’ का संदर्भ देते हुए दारेकर ने कहा, संजय राउत राम मंदिर पर राजनीति की बात कर रहे हैं, लेकिन पहले मंदिर, फिर सरकार की बात पहले किसने की थी?’ दारेकर ने कहा कि इससे उलट अगर लोग इसमें भाग लेना चाहते हैं तो जन भागीदारी की प्रशंसा की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर भगवान राम के श्रद्धालु और भारत से प्रेम करने वाले लोग अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से सहायता करना चाहते हैं तो किसी के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए. भाजपा नेता ने कहा, ‘राम मंदिर के माध्यम से हिन्दुत्व की अच्छी लहर उठी है और वे (शिवसेना) शायद इसके कारण बेचैन हैं. लगता है राउत ने यह महसूस करने के बाद बयान दिया है कि उनका जनाधार खिसक रहा है.’
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