केशव प्रसाद मौर्य को बीते दिनों समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दिल्ली का मोहरा बताया था. उन्हें दिल्ली का वाई-फाई करार दिया था.
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यूपी बीजेपी के अंदर चल रही हलचल और इसके चलते अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच जारी जुबानी जंग में अब सपा नेता शिवपाल नेता ने एंट्री ली है. केशव प्रसाद मौर्य पर कटाक्ष करते हुए शिवपाल ने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य बड़बोले नेता हैं. जो विभाग मिला है उनसे वह संभल नहीं रहा है. केशव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झुनझुना पकड़ा दिया है.
केशव प्रसाद मौर्य को बीते दिनों समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दिल्ली का मोहरा बताया था. उन्हें दिल्ली का वाई-फाई करार दिया था. सिर्फ इतना ही नहीं अखिलेश ने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स से एक पोस्ट में लिखा था कि लगता है डबल इंजन वालों के बीच में एक और इंजन आ गया है, जो दिल्ली-लखनऊ के बीच शंटिंग करता है. ऐसा लग रहा है कि दो राजधानियों के बीच कोई इंटर-सिटी आवागमन सेवा चल रही है. यह बयान उस वक्त आया था जब केशव प्रसाद मौर्य को बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया था. केशव प्रसाद मौर्य के दिल्ली आगमन से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज होने लगी कि यूपी सरकार में बड़ा फेरबदल हो सकता है. दिल्ली में बुलाई बैठक में यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भी बुलाया गया था. हालांकि सभी तरह की चर्चा पर विराम तब लगा जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मीटिंग सिर्फ लोकसभा चुनावों के परिणामों के संबंध में बुलाई गई थी.
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अखिलेश यादव Vs केशव प्रसाद मौर्य
दिल्ली से मीटिंग खत्म करने के बाद जब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लखनऊ पहुंचे तो उधर अखिलेश यादव ने उन्हें मोहरा बताया. इसका जवाब देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस का मोहरा बन चुके सपा बहादुर अखिलेश यादव भाजपा को लेकर ग़लतफ़हमी न पाले. अति पिछड़ों को निशाना बनाने,अपमान करने की जगह सपा को समाप्त होने से बचाने पर ध्यान दें. उन्होंने कहा कि भाजपा 2027 में 2017 दोहराएगी, कमल खिला है खिलेगा, खिलता रहेगा.
उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस के मोहरा सपा बहादुर अखिलेश यादव की नेता प्रतिपक्ष चुनते ही असलियत सामने आने से सपा में पीडीए चालीसा पढ़ने वाले पिछड़ों दलितों के समर्थन से चुनकर आए नेताओं में मायूसी है। भाजपा में सबका साथ विकास और सम्मान है. दरअसल अखिलेश यादव ने यूपी में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए माता प्रसाद पांडे को चुना है. इसी संदर्भ में मौर्य ने कहा कि लोकसभा चुनावों में तो सपा ने पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यक (पीडीए) कार्ड खेलकर वोट हासिल कर लिए लेकिन जब नेता प्रतिपक्ष चुनने की बारी आई तो उन्होंने इन तबकों को नकारते हुए माता प्रसाद पांडे को चुना.