SP नेता का 'ज्ञान'- कोविड बूस्‍टर डोज की नहीं जरूरत, हैरान करने वाली बताई वजह
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SP नेता का 'ज्ञान'- कोविड बूस्‍टर डोज की नहीं जरूरत, हैरान करने वाली बताई वजह

सपा नेता राम गोपाल यादव को लगता है कि कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है. उनका यहां तक कहना है कि ये सब दवा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.  

फाइल फोटो

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव (SP Leader Ram Gopal Yadav) ने कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज (Booster Dose) को लेकर जो ज्ञान दिया है, उसे सुनकर आप सिर पकड़ लेंगे. उनका कहना है कि लोगों को बूस्टर डोज देने की जरूरत नहीं है और इस अभियान से सिर्फ वैक्सीन कंपनियों को ही फायदा हो रहा है. सरकार की आलोचना करते हुए यादव ने कहा कि वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि यह एक परंपरा है, लेकिन वह अनिच्छा से ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि यह संबोधन देश की वास्तविकता को नहीं दर्शाता.

  1. वैक्सीनेशन पर की सरकार की आलोचना
  2. दवा कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप
  3. एक्सपर्ट्स कर चुके हैं बूस्टर डोज की सिफारिश

ICMR ADG का दिया हवाला

राम गोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने कहा कि जब सांसदों ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के डीजी से बूस्टर डोज के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के एडिशनल डीजी (ADG) जवाब देंगे और ADG ने कहा कि देश में बूस्टर डोज उपलब्ध कराने की कोई जरूरत नहीं है. सपा नेता ने आगे कहा कि इस अभियान से केवल टीकाकरण कंपनियों को लाभ हो रहा है और इसकी आवश्यकता नहीं है.

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वैक्सीनेशन रिकॉर्ड पर ली चुटकी

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए यादव ने कहा कि उनका भाषण वास्तविकता से बहुत दूर था. हालांकि, सपा नेता ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स ने सराहनीय काम किया है और उन्होंने इन वर्कर्स की सराहना की. देश में रिकॉर्ड टीकाकरण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आबादी 126 करोड़ से अधिक है और इसलिए सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण किया है. यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, रिकॉर्ड तो इजरायल ने बनाया था, जिसने पिछले साल अपने सभी नागरिकों को टीका लगाया था. इसे रिकॉर्ड कहा जाता है.

वेलनेस सेंटर्स में नहीं हैं डॉक्टर

आयुष्मान भारत का जिक्र करते हुए राम गोपाल यादव ने कहा कि यह योजना अच्छी है, लेकिन देश में डॉक्टरों की भारी कमी है. सरकार ने 80,000 से अधिक वेलनेस सेंटर स्थापित किए हैं, मगर इन केंद्रों में कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है. इस दौरान डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार देश के किसानों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने कहा, ‘देश एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था रहा है, लेकिन अब यह एक कॉर्पोरेट अर्थव्यवस्था बन रहा है.’

हिंदी के नाम पर साधा निशाना

भाजपा सरकार को क्षेत्रीय तौर पर भेदभाव वाली पार्टी करार देते हुए शिवा ने कहा कि वह गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोप रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के मंत्र के साथ सत्ता में आई, लेकिन अब केवल अधिकतम सरकार है और शासन नहीं है. इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. गौरतलब है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए एक्सपर्ट्स बूस्टर डोज लगाने पर जोर दे रहे हैं. कुछ देशों में यह प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है.

 

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