श्रीनगर: मस्ज़िद के बाहर मारे गए डीएसपी अयूब पंडित की भाभी बोलीं, 'इसी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं हम?'
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श्रीनगर: मस्ज़िद के बाहर मारे गए डीएसपी अयूब पंडित की भाभी बोलीं, 'इसी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं हम?'

दिवंगत पुलिस अधिकारी मोहम्मद अयूब पंडित के परिवार और दोस्तों में ग़ुस्सा और अविश्वास है.

डीजीपी वैद ने कहा कि भीड़ ने डीएसपी पर तब हमला किया जब वह एक्सेस कंट्रोल की जांच कर मस्जिद से बाहर आ रहे थे. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: श्रीनगर की जामा मस्ज़िद के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी मोहम्मद अयूब पंडित की गुरुवार (23 जून) को भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. दिवंगत पुलिस अधिकारी मोहम्मद अयूब पंडित के परिवार और दोस्तों में ग़ुस्सा और अविश्वास है. अंग्रेज़ी दैनिक 'हिंदुस्तान टाइम्स' से बात करते हुए उनकी भाभी ने कहा, 'हम किस मुक़ाम पर आ गए हैं कि एक पवित्र रात को हम एक मस्ज़िद के बाहर एक शख़्स को बेवजह मार डालते हैं. क्या मज़हब ने हमें यही सिखाया है?'

नोपोरा में अख़बार से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'क्या हम इसी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं कि हमने लोगों को मार डालना शुरू कर दिया है.' उन्होंने कहा, 'उन्हें किसी चरमपंथी या सेना के जवान ने नहीं मारा. उन्हें एक भीड़ ने मारा. उन्होंने एक बेकसूर तहजुद गुज़र (रात में प्रार्थना करने वाले) को मारा.'

जामा मस्जिद के बाहर भीड़ ने पत्थर से मार-मारकर की पुलिस अधिकारी की हत्या
श्रीनगर में एक ऐतिहासिक मस्जिद के बाहर भीड़ ने शुक्रवार (23 जून) देर रात एक पुलिस उपाधीक्षक की निर्वस्त्र करने के बाद पत्थर मार-मारकर हत्या कर दी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि भीड़ ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) मोहम्मद अय्यूब पंडित की देर रात करीब साढ़े 12 बजे पीट-पीटकर हत्या कर दी. उस समय वह मस्जिद से बाहर आ रहे लोगों की तस्वीरें खींच रहे थे. जब भीड़ ने उन पर हमला किया तो उन्होंने अपनी पिस्तौल से गोलियां चलाना शुरू कर दी थी जिससे तीन लोग घायल हो गए. यह इस्लाम में पवित्र मानी गई रात शब-ए-क़द्र का मौक़ा था.

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पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद्य ने हत्या को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि डीएसपी को मस्जिद के पास इसलिए तैनात किया गया था ताकि वह असामाजिक तत्वों को माहौल खराब न करने दें और लोग शांतिपूर्वक नमाज पढ़ सकें. लेकिन वह जिनकी सुरक्षा के लिए तैनात थे, उनमें से कुछ ने उनकी जान ले ली. यह अत्यंत दुखद है.

प्राथमिक जांच का हवाला देते हुए वैद ने कहा कि भीड़ ने डीएसपी पर तब हमला किया जब वह पहुंच नियंत्रण (एक्सेस कंट्रोल) की जांच कर मस्जिद से बाहर आ रहे थे. उन्होंने कहा, 'जब डीएसपी मस्जिद के पहुंच नियंत्रण क्षेत्र की जांच कर बाहर आ रहे थे तब नारे लगाते हुए कुछ असामाजिक तत्वों ने उन्हें पकड़ लिया और उन्हें पीटने लगे.' इस घटना के बाद भीड द्वारा तोड़फोड़ किए जाने का जिक्र करते हुए वैद ने कहा कि अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा तीसरे की पहचान की गयी है.

डीजीपी वैद ने जिला पुलिस लाइन्स में मोहम्मद अयूब पंडित को श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्पचक्र चढ़ाने के लिए आयोजित कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि मामले की जांच जारी है तथा इस घटना में शामिल सभी लोगों को कानून का सामना करना पड़ेगा. 

सूत्रों के अनुसार डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित (57 साल) पास के नवपोरा इलाके के रहने वाले थे. उनकी इतनी बुरी तरह से पिटायी की गयी थी कि कुछ समय तक उनकी पहचान नहीं हो सकी. उनके परिवार में उनकी पत्नी के अलावा एक पुत्री और एक पुत्र हैं. उनकी पुत्री बांग्लादेश में एमबीबीएस कर रही है और ईद के मौके पर घर आयी हुयी है. उनका पुत्र स्नातक का छात्र है.

मुख्यमंत्री महबूबा और राज्यपाल वोहरा ने जताई चिंता

इस घटना की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती तथा अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक सहित कई लोगों ने निंदा की है. मुख्यमंत्री मुफ्ती ने इस घटना को 'शर्मनाक' करार दिया और कहा कि अगर पुलिस के सब्र का बांध टूट गया तो गंभीर प्रतिक्रिया हो सकती है. मीरवाइज हर शुक्रवार (23 जून) को नौहट्टा स्थित ऐतिहासिक मस्जिद में लोगों को संबोधित करते हैं. उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह यह हमारे मूल्यों और मजहब के मापदंडों से बाहर है.

प्रदेश के राज्यपाल एन एन वोहरा ने इस घटना पर गहरी चिंता जतायी. एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार सुबह इस घटना की जानकारी मिलने पर राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक एस पी वैद से बात की और दिवंगत पुलिस अधिकारी के परिवार के प्रति संवेदना जतायी.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह रमजान के पवित्र महीने में 'अपवित्र कृत्य' है. उन्होंने कहा कि यह घटना कश्मीर के मासूम लोगों के लिए आंखें खोलने वाली है जिन्हें दशकों से स्वयंभू नेताओं ने बंधक बना रखा है. उन्होंने कहा कि अगर यह धर्म के नाम पर युद्ध है तो इससे बड़ा अधार्मिक कृत्य क्या हो सकता है. उन्होंने इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा कि विपक्षी पार्टियां श्रीनगर में एक पुलिस अधिकारी की हत्या पर सिर्फ बयानबाजी कर रही हैं. पार्टी प्रवक्ता जी वी एल नरसिंह राव ने कहा कि कांग्रेस तथा वाम दलों ने थलसेना प्रमुख पर हमला बोला लेकिन, वे सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने के लिए अलगाववादियों की निंदा नहीं करेंगे.

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि यह इस्लाम तथा मानवता के खिलाफ है. कांग्रेस प्रवक्ता आर पी एन सिंह ने कहा कि जहां तक आंतरिक सुरक्षा का सवाल है, कानून व्यवस्था का सवाल है, वह पूरी तरह ठप हो गयी है. ऐसा लगता है कि सरकार के पास कोई नीति नहीं है.

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