चिन्मयानंद को राहत, रेप का आरोप लगाने वाली लॉ छात्रा कोर्ट में बयान से मुकरी
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चिन्मयानंद को राहत, रेप का आरोप लगाने वाली लॉ छात्रा कोर्ट में बयान से मुकरी

चिन्मयानंद पर रेप के आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा ने सभी आरोप वापस ले लिए हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद (फाइल फोटो).

लखनऊ: बीते साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली शाहजहांपुर की कानून की छात्रा ने अपने आरोप वापस ले लिए हैं. कथित पीड़िता मंगलवार को एमपी, एमएलए कोर्ट में पेश हुई और अपने द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ लगाए आरोपों को वापस ले लिया. लखनऊ कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई कर रहा था.

  1. चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली छात्रा कोर्ट में मुकरी

    कोर्ट को गुमराह करने, झूठे साक्ष्य दिखाने का चलेगा केस

    पिछले साल अगस्त में चिन्मयानंद पर लगाए थे आरोप

छात्रा पर चलेगा मुकदमा
वहीं छात्रा के इस फैसले से अभियोजन पक्ष ने सीआरपीसी की धारा 340 के तहत एक आवेदन दिया है और कथित पीड़िता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. न्यायाधीश पी. के. राय ने आवेदन पंजीकृत करने का निर्देश दे दिया है और अभियोजन पक्ष को आवेदन की एक कॉपी पीड़िता और आरोपी को देने को कहा है. कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है.

बता दें कि आरोप लगाने वाली लड़की शाहजहांपुर में चिन्मयानंद के आश्रम द्वारा संचालित लॉ कॉलेज की छात्रा थी और उसने पिछले साल अगस्त में यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले ने तब सुर्खियां बटोरीं जब लड़की अचानक लापता हो गई और नाटकीय अंदाज में सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई.

2019 में हुई थी गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था. इसके बाद चिन्मयानंद ने यह भी आरोप लगाया था कि कथित पीड़िता ने ब्लैकमेल करने की नियत से ये आरोप लगाए हैं. चिन्मयानंद ने लड़की के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाई थी. बाद में लड़की और चिन्मयानंद दोनों गिरफ्तार हुए थे. चिन्मयानंद को 20 सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया गया था.

जांच अधिकारी ने चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (सी), 354 (डी), 342 और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया था. जांच अधिकारी ने 13 पन्नों की चार्जशीट में 33 गवाहों और 29 दस्तावेजी साक्ष्यों का हवाला दिया था. चिन्मयानंद को 3 फरवरी, 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा कर दिया गया था. कोर्ट ने शाहजहांपुर से लखनऊ की एमपी एमएलए विशेष कोर्ट में मुकदमा ट्रांसफर कर दिया था.

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