राज्यसभा चुनावः कांग्रेस के सभी 71 विधायक नहीं जाएंगे राजस्थान, गुजरात में यहां ठहरेंगे
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राज्यसभा चुनावः कांग्रेस के सभी 71 विधायक नहीं जाएंगे राजस्थान, गुजरात में यहां ठहरेंगे

गुजरात में पांच जुलाई को दो सीटों के लिए होने जा रहे राज्‍यसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग की आशंका है.

राज्यसभा चुनावः कांग्रेस के सभी 71 विधायक नहीं जाएंगे राजस्थान, गुजरात में यहां ठहरेंगे

नई दिल्‍ली: गुजरात में 5 जुलाई को 2 सीटों के लिए होने जा रहे राज्‍यसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग की आशंका है. इसलिए पार्टी गुजरात के अपने सभी विधायकों को अब अंबाजी लेकर जाएगी. इससे पहले खबर थी कि कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों को राजस्‍थान के माउंट आबू भेजने जा रही है. ऐसा बताया जा रहा था कि वर्कशॉप के नाम पर इन विधायकों को वहां रखा जाएगा. लेकिन अब खबर आ रही है कांग्रेस अपने 71 विधायकों को बनासकांठा जिले के प्रसिद्ध अंबाजी में विधायकों को ठहराएगी.

उधर पार्टी ने गुजरात राज्यसभा चुनाव की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत को दी है. सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुजरात प्रभारी राजीव सातव से चर्चा भी की है. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत राजीव सातव से मिले हैं.

इस बीच कांग्रेस के बागी विधायक अल्‍पेश ठाकोर ने दावा किया है कि 18 विधायक कांग्रेस को छोड़ना चाहते हैं. अल्‍पेश ठाकोर ने इसके साथ ही कहा कि वह माउंट आबू नहीं जाएंगे.

उल्‍लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के 71 विधायक हैं. भाजपा नेताओं अमित शाह और स्‍मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव जीतने और राज्‍यसभा से इस्‍तीफा देने के कारण ये सीटें खाली हुई हैं.  इन सीटों के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुजरात के ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जुगलजी ठाकोर ने ठाकोर ने नामांकन दाखिल किया है.

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ठाकोर उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले से हैं, जहां से नरेंद्र मोदी भी हैं. ठाकोर राज्य में ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं. विदेश सचिव के रूप में सेवाएं दे चुके एस जयशंकर को पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है और उन्‍हें विदेश मंत्री बनाया गया है. राज्‍यसभा चुनावों में संख्‍याबल के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है.

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राज्यसभा में स्थिति मजबूत करेगा एनडीए
इस बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) इस सप्ताह के अंत में चार और सदस्यों को शामिल कर राज्यसभा में अपनी स्थिति मजबूत करेगा. यह तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के चार और भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (आईएनएलडी) के एक सदस्य के शामिल होने के बाद होगा. इसके साथ, राजग के पास 115 सांसद होंगे.

ये सदस्य बिहार, गुजरात और ओडिशा से हैं. बिहार में, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को जगह मिलेगी. गुजरात में भाजपा के खाते में दो और ओडिशा में एक सीट जुड़ जाएगी. भारतीय जनता पार्टी उच्च सदन में 75 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस 48 सदस्यों वाली सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस 13-13 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी गैर-कांग्रेस-गैर भाजपा पार्टी हैं.

24 जुलाई को तमिलनाडु से पांच सीटें खाली होंगी. ये सीपीआई के डी. राजा और अन्नाद्रमुक के के.आर. अर्जुनन, डॉ. आर. लक्ष्मणन, डॉ. वी. मैत्रेयन और टी. रथिनवेल हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के विपरीत, राजग इस बार राज्यसभा में कम बाधाओं की उम्मीद कर रहा है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में अपने भाषण में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विधेयकों को मंजूरी देने में बाधा डालकर लोगों के जनादेश को नहीं दबाया जाना चाहिए.

भाजपा को बीजू जनता दल (5), वाईएसआर कांग्रेस (2) और टीआरएस (6 सदस्य) जैसे दलों से मुद्दा-आधारित समर्थन की उम्मीद है.

(केतन जोशी के इनपुट के साथ)

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