पिछलेे कुछ दिनों में फरार हुए हैं कई आतंकी. सेना, पुलिस और सीआरपीएफ चला रही है संयुक्त तलाशी अभियान.
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श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर के पुलवामा के गांवों में आतंकियों के छिपे होने की आशंका के मद्देनजर सुरक्षाबल वहां तलाशी अभियान चला रहे हैं. सोमवार की सुबह जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवान संयुक्त रूप से 19 से अधिक गांवों को खंगाल रहे हैं. माना जा रहा है कि इन गांवों में आतंकी छिपे हुए हैं.
Cordon and search operation by Army, police, and Central Reserve Police Force (CRPF) underway in several villages of Pulwama district. More details awaited. #JammuAndKashmir (visuals deferred by unspecified team) pic.twitter.com/owQK1Ru9lo
— ANI (@ANI) September 3, 2018
Cordon and search operation by Army, police, and Central Reserve Police Force (CRPF) underway in several villages of Pulwama district. More details awaited. #JammuAndKashmir
— ANI (@ANI) September 3, 2018
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से जम्मू और कश्मीर में बढ़ रही आतंकी घटनाओं को रोकने और आतंक के सफाये के लिए सेना, जम्मू और कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ हर संभव कोशिश कर रहे हैं. रविवार सुबह ही शोपियां में रविवार सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. यह मुठभेड़ शोपियां के लद्दी इमामसाहब गांव में हुई. सुरक्षाबलों को यहां कई आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी.
सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया था. इस दौरान उनमें मुठभेड़ शुरू हो गई. लेकिन इलाके में छिपे तीन आतंकी वहां से भागे निकलने में कामयाब हो गए. सुरक्षाबलों ने उन्हें खोजने के लिए पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया है.
इससे पहले शोपियां में बुधवार को आतंकियों ने पुलिस टीम को निशाना बनाते हुए उनपर अंधाधुंध फायरिंग की. इस फायरिंग में चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए. यह वारदात शोपियां के अराहामा फल मंडी में दोपहर को हुई. बताया जा रहा है कि वारदात के बाद आतंकी पुलिसकर्मियों से 3 एके-47 राइफलें छीनकर फरार हो गए. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन ने ली है.
वहीं पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने पुलिस और सेना से बदला लेने के लिए पुलिसकर्मियों के करीब 11 रिश्तेदारों को अगवा कर लिया था. सभी को दक्षिण कश्मीर से 30 अगस्त को अगवा किया गया था. इसके बाद पुलिस ने पूरे राज्य में तलाशी अभियान चलाया था. हालांकि 31 अगसत की रात को आतंकियों ने सभी को छोड़ दिया था. इसी दिन सुप्रीम कोर्ट में जम्मू और कश्मीर के अनुच्छेद 35ए को हटाने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी, जिसे बाद में अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दिया गया.