सैन्य खुफिया एजेंसियों को इस हमले के सरगना आतंकी अब्दुल राशिद गाजी के पुलवामा या त्राल के जंगलों में मौजूद होने की जानकारी मिली है.
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नई दिल्ली : जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) पर किए गए आतंकी हमले के मुख्य सरगना के ठिकाने का पता लगा लेने का दावा किया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार सैन्य खुफिया एजेंसियों को इस हमले के सरगना आतंकी अब्दुल राशिद गाजी के पुलवामा या त्राल के जंगलों में मौजूद होने की जानकारी मिली है. उनके अनुसार आतंकी गाजी की लोकेशन ट्रेस कर ली गई है. बताया जा रहा है कि आतंकी अब्दुल राशिद गाजी को जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर ने भेजा था. सुरक्षा बल अब आतंकी गाजी की तलाश में जुट गए हैं.
बताया जा रहा है कि एजेंसियों को पुलवामा आतंकी हमले से एक महीने पहले खुफिया जानकारी मिली थी कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद किसी बड़े हमले की फिराक में हैं. लेकिन एजेंसियां इस हमले का पता लगाने में विफल रहीं. जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुए करीब 70 आतंकियों में से आदिल अहमद डार कैटेगरी सी का आतंकी था. डार ने ही गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले में शामिल वाहन से विस्फोटक से भरी कार का टकरा कर आतंकी हमले को अंजाम दिया था.
पुलिस ने बताया कि आदिल अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. वह तभी से घाटी में बड़े आतंकी हमले की फिराक में था. सुरक्षाबलों का कहना है कि आदिल को कुछ दिनों पहले एक ऑपरेशन के दौरान घेर भी लिया गया था. लेकिन वह किसी तरह बच निकला था. डार ने इस वीडियो में ऐलान करते हुए सरकार के प्रति अपनी नफरत को दिखाया है. इसमें उसने बाबरी मस्जिद के मुद्दे को भी उठाया है. इस वीडियो से साफ है कि इस हमले से पहले उसका ब्रेनवॉश किस हद तक किया गया था.
इस हमले के बाद जैश ए मोहम्मद ने आदिल डार का एक वीडियो जारी किया. कहा जा रहा है कि इस वीडियो को इस आत्मघाती हमले के पहले ही शूट किया गया. इस वीडियो में आदिल के पीछे जैश ए मोहम्मद का बैनर दिख रहा है. इसमें हव खुद तमाम हथियारों से लैस है. इस हमले के बाद जैश के प्रवक्ता मोहम्मद हसन ने दावा किया है कि इस हमले में सेना के कई वाहन नष्ट कर दिए गए हैं.
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में लगातार छापेमारी जारी है. 6 लोगों को सिंबू नबल और लारू क्षेत्र से जबकि एक व्यक्ति को रामू गांव से हिरासत में लिया गया है. ये कार्रवाई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ताओं की टीम के जम्मू-कश्मीर में पहुंचने के बाद की गई. एनआईए की टीम जम्मू-कश्मीर की पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के विशेषज्ञों की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची.
हमले में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर शुक्रवार को दिल्ली लाए गए थे. पीएम मोदी ने पालम एयरपोर्ट पर पहुंचकर इन जवानों को श्रद्धांजलि दी थी. वायु सेना के सी-17 विमान से पार्थिव शरीर लाए गए. प्रधानमंत्री ने पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद सभी पार्थिव शरीर के आसपास पूरा एक चक्कर लगाया.
सैन्य अफसरों के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पालम एयरपोर्ट पहुंचे. इससे पहले उन्होंने बीजेपी के सभी मंत्रियों और सांसदों को निर्देश दिया कि वह अपने अपने राज्यों में इन जवानों के अंतिम संस्कार के समय वहां पर मौजूद रहें.
आईडी से पहचान हुई शहीद जवानों की
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के सभी 40 जवानों की पहचान उनके आधार कार्ड, आईडी कार्ड तथा कुछ अन्य सामानों के जरिए ही हो पाई. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि भीषण विस्फोट से जवानों से शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो गए थे, इसलिए उनकी शिनाख्त करना मुश्किल काम था.
इन शहीदों की पहचान आधार कार्ड, बल के आईडी कार्ड, पैन कार्ड अथवा उनकी जेबों या बैगों में रखे छुट्टी के आवेदनों से की जा सकी. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कुछ शवों की शिनाख्त कलाइयों में बंधी घड़ियों अथवा उनके पर्स से हुई. ये सामान उनके सहयोगी ने पहचाने थे.