मुंबई की बदलती लाइफ स्टाइल ने डायबिटीज को साइलेंट किलर से मेन किलर बनाया
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मुंबई की बदलती लाइफ स्टाइल ने डायबिटीज को साइलेंट किलर से मेन किलर बनाया

मुंबई में डायबिटीज ने अन्य सभी बीमारियों (disease) को पीछे छोड़ दिया है. आंकड़ों के मुताबिक हार्ट अटैक (heart attack) से होने वाली मौतें भी अब दूसरे नंबर पर आ गई हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो)

मुंबई: डायबिटीज (diabetes) एक ऐसी बीमारी है जिसे अब तक साइलेंट किलर के तौर पर जाना जाता था. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में अब वो मेन किलर हो गई है, यानी मुंबई में डायबिटीज ने अन्य सभी बीमारियों (disease) को पीछे छोड़ दिया है. आंकड़ों के मुताबिक हार्ट अटैक (heart attack) से होने वाली मौतें भी अब दूसरे नंबर पर आ गई हैं. कभी ना सोने वाली मुंबई के लोगों का लाइफ स्टाइल (lifestyle) कुछ ऐसा हो गया है कि साइलेंट किलर कही जाने वाली डायबिटीज से मुंबई में सबसे ज्यादा मौत (death) हो रही है. एक आकलन के मुताबिक डायबिटीज के चलते रोजाना 26 लोगों की अकाल मौत हो रही है.

जरा इन आंकड़ों पर नजर डालिए...
- डायबिटीज (diabetes) से मरने वालो की संख्या साल 2017 से अब तक 9525 है
- हार्ट अटैक (heart attack) से मरने वालों की संख्या साल 2017 से अब तक 8058 है
- टीबी से मरने वालों की संख्या साल 2017 से अब तक 4049 है 

आंकड़े बता रहे हैं कि इन तीन बीमारियों ने बाकी अन्य बीमारियों को पीछे छोड़ दिया है जो कि आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) के लिए जानलेवा बनती जा रही है.

दरसअल प्रजा फाउंडेशन द्वारा मुंबई (Mumbai) के सभी सरकारी अस्पतालों से जानकारी निकालने के बाद एक रिपोर्ट (Report) जारी की गई है. जिसमें पहले नंबर पर डाइबिटीस, फिर हार्ट की बीमारी (disease) उसके बाद टीबी है. साल 2017 से अब तक 9525 लोगों की मौत डायबिटीज (diabetes) की वजह से हो चुकी है. वहीं इस दौरान हार्ट अटैक (heart attack) से 8058 और टीबी से 4049 लोगों की मौत हुई. इन आंकड़ों को जुटाने वाले प्रजा फाउंडेशन को सीआरए सिस्टम के जरिए यह डाटा मिला है, जिसे केन्द्र सरकार कंट्रोल करती है.

मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो पहले के मुकाबले कुछ महीनों से डायबिटीज (diabetes) की दवा की बिक्री बढ़ी है, फिर चाहे आयुर्वेदिक दवाएं हो या फिर अंग्रेजी दवाएं. एक बार डायबिटीज की चपेट में कोई मरीज आ जाए तो जीवन भर उसके पास दवाई (medicine) खाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है. क्योंकि डायबिटीज को सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है, इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता. डॉक्टरों का कहना है कि मुख्य रूप से लोगों का बदला हुआ लाइफ स्टाइल (lifestyle) इसके लिए जिम्मेदार है.

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डायबिटीज के मुख्य कारण
- शारीरिक श्रम का अभाव
- नियमित एक्ससाइज नहीं करना
- जंक फूड का अधिक सेवन
- तनावपूर्ण जिंदगी
- भरपूर नींद नहीं लेना
- अत्यधिक मीठे का सेवन
- आनुवांशिक कारण

डॉक्टरों का कहना है कि प्री-डायबिटीज के केस बढ़ते जा रहे हैं जो यह बताते हैं कि आने वाले दिनों में यह बीमारी कितना भयंकर रूप ले सकती है. डायबिटीज की वजह से और भी कई बीमारियां मरीज के लिए मुसीबत की वजह बन जाती हैं. ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.

कैसे बचें डायबिटीज से
- संतुलित और पौष्टिक खानपान लें
- नियमित रूप से व्यायाम या योग करें
- जंक फूड का अधिक सेवन ना करें
- मीठे का अधिक सेवन भी ना करें
- भरपूर नींद लें और तनाव से बचें
- अपनी नियमित जांच करवाते रहें

डॉक्टरों का कहना है कि 35 साल के बाद डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. 50 साल के बाद तो और भी जरूरी है कि अपनी नियमति जांच करवाते रहें. ताकि शुरुआती स्टेज पर ही इस पर काबू पाया जा सके. डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो सिर्फ मुंबई ही नहीं पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले रही है. पूरे देश की बात की जाए तो करीब आठ करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे में इस बीमारी से खुद भी अलर्ट रहने और दूसरों को भी अलर्ट करने की सख्त जरूरत है.

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