ऑपरेशन ब्लूस्टार की 35 वीं बरसी के पहले अमृतसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. शहर में 3000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और पुलिस संवेदनशील इलाकों पर पैनी नजर रख रही है.
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अमृतसरः ऑपरेशन ब्लू स्टार की 35वी बरसी के मौके पर अमृतसर के गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब स्थित श्रीअकाल तख़्त साहिब पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गए. इस दौरान शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. शहर में 3000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और पुलिस संवेदनशील इलाकों पर पैनी नजर रख रही है. सेना ने स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे चरमपंथियों को खदेड़ने के लिए जून 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार अभियान चलाया था .
पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि सिख कट्टरपंथियों द्वारा स्वर्ण मंदिर परिसर में परेशानी पैदा करने की आशंका के चलते कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं . उन्होंने बताया कि छह जून को ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी के पहले कई इलाके में फ्लैग मार्च भी किया गया और सीसीटीवी कैमरों के जरिए संवेदनशील इलाके की निगरानी की जा रही है . एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बायपास सहित शहर के प्रवेश और निकास द्वारों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसीः हरमिंदर साहिब में खालिस्तान समर्थकों ने लहराई तलवारें
इस दौरान गरमपंथियों की ओर से खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की गई और तलवारें लहराई गई. इस दौरान गरमपंथियों और टास्कफोर्स में हल्की धक्कामुक्की भी हुई. उधर श्रीअकाल तख्त साहिब के जथेदार ने इस हुल्लड़बाजी कि घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. उन्होंने कहा की आज का दिन शहीदों को श्रद्धांजलि देने का था, ऐसे में इस तरह की नारेबाजी ठीक नहीं होती.
उन्होंने जहां सिख युवाओं को ज्यादा जोर पढ़ाई पर देकर अफसर बनने की अपील की, वहीं सभी सिख सांसदों को ऑपरेशन ब्लू स्टार का मुद्दा सांसद में उठाने की मांग की. वहीं मुतवजी जथेदार ज्ञानी ध्यान सिंह मंड ने आरोप लगाया कि एसजीपीसी की ओर से उन्हें बोलने नहीं दिया गया. इतना ही नही उन्होंने आरोप लगाया कि एसजीपीसी की टास्क फोर्स ने ही हंगामा किया है.
(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)