असम: कार्बी आंगलोंग में पुलिस के बॉर्डर आउटपोस्ट को जनता के दबाव में हटाया गया
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असम: कार्बी आंगलोंग में पुलिस के बॉर्डर आउटपोस्ट को जनता के दबाव में हटाया गया

असम और मेघालय के पहाड़ी क्षेत्र के इस सीमा में BOP को हटाने की मांग से अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया. 

मेघालय प्रसाशन ने कहा कि जब तक दोनों राज्यों के सीमा निर्धारण तय नियम से नहीं किये जाते, तब तक विवादस्पद सीमा के अंतर्गत किसी तरह का कोई भी सरकारी कार्यालय या पुलिस का BOP निर्माण नहीं किया जा सकता है.

कार्बी आंगलोंग: असम के इतिहास में शायद पहली बार पुलिस को सीमा में रहने वाले लोगों की सुरक्षा में बनाये राज्य के पश्चिम कार्बी आंगलोंग के मेघालय सीमांत उमखेरमी से अपने ही बॉर्डर आउटपोस्ट को मेघालय की जनता और प्रसाशन के दबाव में हटाना पड़ा हैं.  हैरान करने वाली ये घटना असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के मेघालय की सीमा से सटे उमखेरमी में घटी है. बताया जा रहा है कि बीती 11 जून को असम पुलिस के तरफ से उमखेरमी में असम की सीमा में रहने वाले लोगों की सुरक्षाऔर निगरानी के लिए एक अस्थायी बॉर्डर आउट पोस्ट का निर्माण किया गया था. लेकिन, सीमा के दूसरी तरफ पड़ने वाले मेघालय के स्थानीय लोगों ने असम पुलिस के इस BOP का जबरदस्त विरोध करते हुए इस अस्थायी BOP को तुरंत गिरा देने की मांग की. 

असम और मेघालय के पहाड़ी क्षेत्र के इस सीमा में BOP को हटाने की मांग से अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया. बाद में मेघालय के तरफ से जिला प्रसाशन की पहुंची टीम ने भी असम पुलिस को बॉर्डर आउट पोस्ट हटा देने के लिए कहा. दूसरी ओर तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए असम की पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिला प्रसाशन की टीम के साथ केंद्रीय रिज़र्व सुरक्षा बल और असम पुलिस की टीम ने मेघालय के प्रसाशन की टीम से बात कर समस्या सुलझाने की कोशिश की. लेकिन, मेघालय की स्थानीय जनता और प्रसाशन की टीम के दबाव के आगे एक न चली. 

असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग प्रसाशन को सीमा के इस क्षेत्र को विवादित बताते हुए मेघालय प्रसाशन ने कहा कि जब तक दोनों राज्यों के सीमा निर्धारण तय नियम से नहीं किये जाते, तब तक विवादस्पद सीमा के अंतर्गत किसी तरह का कोई भी सरकारी कार्यालय या पुलिस का BOP निर्माण नहीं किया जा सकता है. बाद में दोनों पक्षों से जब कोई हल नहीं निकाला जा सका, तब असम पुलिस ने अपने अस्थायी इस बॉर्डर आउटपोस्ट को ध्वस्त कर दिया. 

दिलचस्प बात ये हैं कि असम पुलिस के इस क्षेत्र से BOP हटाने के निर्णय से पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के मेघालय सीमा पर रहने वाले स्थानीय लोगों ने विरोध मचाना शुरू कर दिया. जिले के कारबी स्टूडेंट्स एसोसिएशन के छात्र नेता सेमसन टेरोन ने असम सरकार को चेताते हुए कहा कि असम की सर्वानन्द सोनोवाल सरकार राज्य वासियों की सभ्यता, संस्कृति और भूमि की रक्षा की बात पर सत्ता पर बैठी हैं, इसलिए दोबारा से अगर इस सीमा पर असम पुलिस ने BOP नहीं बिठाई, तो छात्र संघठन व्यापक आंदोलन छेड़ देगा.   

बता दें कि असम और मेघालय एक दूसरे से लगभग 884 किलोमीटर सीमा का क्षेत्र साझा करते हैं और 1971 में असम से मेघालय राज्य को विभाजित कर गठन करने के बाद असम की तत्कालीन राजधानी शिलांग से स्थानांतरित कर गुवाहाटी के दिसपुर लाया गया था. असम के साथ त्रिपुरा को छोड़कर नार्थईस्ट के सभी राज्यों से सीमा विवाद वर्षों से चला आ रहा हैं और मेघालय और नागालैंड का सीमा विवाद समय दर समय भयानक शक्ल भी अख्तियार लेते रहा हैं. आज तक प्रांतीय स्तर पर राज्य सरकार के कई बैठकों के बाद भी सीमा विवाद का निपटान नहीं हो पाने से असम की सीमा पर रहने वाले लोगों के लिए ये विवादस्पद मामला जी का जंजाल बनी हुई हैं. 

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