अमृतसर (Amritsar) के भिखीविंड में आतंकियों के हाथों मारे गए शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू (Shaurya Chakra Awardee Balwinder Sandhu) का शनिवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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अमृतसर: अमृतसर (Amritsar) के भिखीविंड में आतंकियों के हाथों मारे गए शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू (Shaurya Chakra Awardee Balwinder Sandhu) का शनिवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान परिवार के गुस्से को देखते हुए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.
पीड़ित परिवार ने अंतिम संस्कार से पहले उठाई ये मांगें
अंतिम संस्कार से पहले पीड़ित परिवार ने हत्यारों को पकड़ने, सुरक्षा बहाल करने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. मौके पर मौजूद प्रशासन के अफसरों ने उन्हें तीनों मांगों पर उचित कार्रवाई करवाने का आश्वासन दिया. बता दें कि पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ बहादुरी से लड़ने पर बलविंदर सिंह संधू को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. वे लंबे समय से खालिस्तानी आतंकियों की आंखों में चुभ रहे थे. इसे देखते हुए
उन्हें सरकार की ओर से सुरक्षा गार्ड प्रदान किए गए थे.
शुक्रवार को बाइक सवार आतंकियों ने की थी हत्या
सरकार ने कई महीने पहले सरकार ने बिना कारण बताए ये सुरक्षा गार्ड हटा लिए थे. उसके बाद से परिवार के लोग लगातार सरकार को पत्र लिखकर अपनी जान पर खतरा बताते हुए सुरक्षा बहाल करने की मांग कर रहे थे. परिवार की सुरक्षा हटने के बाद मौका देखते हुए शुक्रवार को बाइक सवार दो उनके स्कूल में पहुंचे. जैसे ही बलविंदर ने दरवाजा खोला, बाइक से उतरे एक आतंकी ने उन पर पिस्टल से हमला कर दिया. बलविंदर को 5 गोलियां मारने के बाद आतंकी बाइक से फरार हो गए.
आतंकियों से लड़ने पर 1993 में पूरे परिवार को मिला था शौर्य चक्र
बलविंदर सिंह संधू की हत्या के बाद उनकी पत्नी जगदीश कौर संधू ने इस घटना का जिम्मेदार पंजाब सरकार को बताया था. जगदीश कौर ने कहा कि उनके पति बलविंदर संधू, देवर रंजीत सिंह संधू, देवरानी बलराज कौर संधू और वह खुद शौर्य चक्र अवार्डी थी. पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की वजह से भारत सरकार ने 1993 में उनके परिवार को इस सम्मान से नवाजा था. उनके परिवार की इस बहादुरी पर कई डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बनी थी.
तरनतारन पुलिस ने सुरक्षा हटने के लिए की थी सिफारिश
उन्होंने कहा कि उनके परिवार पर गंभीर खतरा था. वे इस खतरे के बारे में बार-बार सरकार को चेता रहे थे. इसके कहा कि उनके परिवार पर गंभीर खतरे के बावजूद उनकी सुरक्षा बहाल नहीं की गई. जिसके नतीजतन ये घटना हो गई. जगदीश ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार के इंटेलिजेंस फेलियर ने उनके पति की जान ले ली. बलविंदर संधू के भाई रंजीत सिंह संधू ने कहा कि तरनतार पुलिस की सिफारिश पर राज्य सरकार ने एक साल पहले उनके परिवार की सुरक्षा हटा ली थी. जबकि उनका पूरा परिवार अब भी आतंकियों की हिट लिस्ट में शामिल है.
पंजाब सरकार ने मामले की जांच के लिए बनाई एसआईटी
उन्होंने कहा कि उनके परिवार की किसी से दुश्मनी नहीं है और यह शुद्ध रूप से आतंकियों की करतूत है. इस मामले का संज्ञान लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है. फिरोजपुर डिप्टी आईजी के नेतृत्व में बनी इस SIT को हत्या के कारण समेत तमाम एंगल की जांच करने का निर्देश दिया गया है.
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