राजवीर ने बताया कि 'टीन्स फॉर टेल्स' एक ऐप बेस्ड सर्विस है. कुछ करने की चाहत रखने वालों के लिए ये वो मंच है जिसके जरिए सीधे वालंटियर्स से जुड़ने के साथ आवारा जानवरों की मुश्किलोंं को दूर करने के प्रयास किए जाते हैं.
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जयपुर : टीनेजर राजवीर बंसल की एक मुहिम सोशल मीडिया पर खूब पसंद की जा रही है. 17 साल के राजवीर ने टीन्स फॉर टेल्स (teens for tails) नाम की मुहिम शुरू की थी, वो सड़क पर काम करने वाले उन किशोरों की टीम है जो आवारा जानवरों और पेट्स की टेल्स वेग (Tails wag) बनाने के साथ बेजुबानों को आसरा देने के कई काम कर रही है.
राजस्थान के जयपुर स्थित जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल के छात्र राजवीर ने ज़ी न्यूज़ के साथ विशेष बातचीत में कहा कि 'इस मुहिम के जरिए उन्होंने अपनी टीम बनाई ताकि दया और एकजुटता की भावना का प्रसार होने के साथ जरूरतमंदो की मदद हो सके.
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पिछली बार जब राजवीर ने जब हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए (DNA) से बात की थी, तब कोरोनोवायरस महामारी के बीच टीन फॉर टेल्स की शुरुआत हुई थी. डिजिटल प्लेटफार्म पर उनकी मुहिम को तेजी से कामयाबी मिली. राजवीर की टीम अब रोजाना 6 हजार जानवरों के लिए 1200 Kg खाना की आपूर्ति मुहैया कराती है.
एप के जरिए जुड़े लोग
राजवीर ने बताया कि 'टीन्स फॉर टेल्स' एक ऐप बेस्ड सर्विस है. कुछ करने की चाहत रखने वालों के लिए ये वो मंच है जिसके जरिए सीधे वालंटियर्स से जुड़ने के साथ आवारा जानवरों की मुश्किलोंं को दूर करने के प्रयास किए जाते हैं. नसबंदी या टीकाकरण जैसे काम भी ये टीम पूरी जिम्मदारी के साथ निभाती है.
एडॉप्ट करने पर फोकस
राजवीर की टीम ऐसे जानवरों को सही घर तक पहुंचाने का नेक काम भी करती है. संस्था अपने प्रचार के हर मंच पर लोगों को अपनी पसंद के पालतू जानवरों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करती है.
फ्यूचर के लिए ये प्लानिंग
भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए राजवीर ने कहा कि वह 'Commerce for a cause' प्रोग्राम को लॉन्च करना चाहते हैं ताकि इस क्षेत्र में अपनी फैशन लाइन स्टेब्लिश करने के साथ उसकी कमाई के एक हिस्से को 'Teens for Tails' जैसे नेक काम में लगाया जा सके.
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