सूरतः इस स्कूल में नहीं है शिक्षकों का पता, 5वीं के बच्चों को पढ़ाते हैं 8वीं के छात्र
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सूरतः इस स्कूल में नहीं है शिक्षकों का पता, 5वीं के बच्चों को पढ़ाते हैं 8वीं के छात्र

इस स्कूल की इमारत पूरी तरह जर्जर स्थिति में है, कई जगहों के स्लेब टूट भी गए हैं और कई स्लेब टूटने की कगार पर हैं. कब कोई स्लेब गिर पड़े और कब कोई बुरी खबर स्कूल से निकल कर आ जाए इसका पता नहीं. 

5वीं के छात्रों को पढ़ाती 8वीं क्लास की छात्रा.

नई दिल्लीः सूरत के मांगरोल के हथोड़ा गांव की प्राथमिक स्कूल के हाल ऐसे हैं कि पांचवी के छात्रों को 8वीं के छात्र पढ़ाते हैं. जिस स्कूल को अब आदर्श प्राथमिक स्कूल का दर्जा मिल चूका है, उसका हाल जानने के बाद आप देश के भविष्य का अनुमान लगा सकते हैं. पहले तो इस स्कूल की इमारत का हाल जानिये. इस स्कूल की इमारत पूरी तरह जर्जर स्थिति में है, कई जगहों के स्लेब टूट भी गए हैं और कई स्लेब टूटने की कगार पर हैं. कब कोई स्लेब गिर पड़े और कब कोई बुरी खबर स्कूल से निकल कर आ जाए इसका पता नहीं. 

स्कूल में बने प्ले ग्राउंड के पास स्कूल का सेप्टिक टैंक भी खुला पड़ा है. जिसे देख कर लगता है स्कूल प्रशासन इंतजार में है कि कब कोई बच्चा खेलते-खेलते सेप्टिक टैंक में गिर जाए और कब कोई अनहोनी हो जाए और किसी के घर का चिराग बुझ जाए. अगर आप सोच रहे हैं कि स्कूल प्रशासन ने तो स्कूल के जर्जरित हालत की शिकायत की होगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला होगा तो आप इस स्कूल की पढ़ाई लिखाई का हाल भी जान लो. 

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बच्चे जिस बेंच पर बैठ कर पढाई करते हैं वे बेंच स्टोर रूम में पड़ी पड़ी भंगार हो रही हैं. बच्चो को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक भी नहीं है और जो हैं उन्हें बच्चों को पढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. आप सुनकर चौक जाएंगे की इसी स्कूल की आठवीं कक्षा की बच्ची पांचवी कक्षा के बच्चों को गणित पढ़ाती है और जिन्हें इन बच्चों को पढ़ाने की सरकार सैलरी दे रही वे स्टाफरूम में बैठ कर आराम फर्मा रहे हैं. हालांकि जब इन शिक्षकों को मालूम पड़ा की ज़ी मीडिया संवाददाता इसे रिकॉर्ड कर रहे है तो वे भागते-भागते क्लास रूम में आए और बच्चो को पढ़ा रही बच्ची को अपने क्लास में भेज दिया.

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वहीं अपनी लापरवाही छुपाने के लिए शिक्षक ने बेशर्मी की हद पार कर दी और रिसेस की बेल बजा दी, जिससे बच्चे अपने घर खाना खाने चले गए और पेरेंट्स शिकायत करते रह गए. जब स्कूल की बदहाली पर आचार्य मेम से सवाल पूछा गया तो उन्होंने ''उल्टा चोर कोतवाल को डाटें'' वाली स्थिति खड़ी करदी और कहने लगी के आप किससे पूछ कर स्कूल का वीडियो बना रहे हो. लाख बार पूछने पर भी आचार्य मेम ने स्कूल की बदहाली पर जवाब नहीं दिया.

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