त्रिपुरा में मार्क्सवादी क्रांति के शिखर पुरुष और रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा ढहाए जाने को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया दी.
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नई दिल्ली: त्रिपुरा में मार्क्सवादी क्रांति के शिखर पुरुष और रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा ढहाए जाने को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया दी. इस दौरान उन्होंने लेनिन को एक विदेशी और आतंकवादी बताते हुए उनकी मूर्ति भारत में होने पर सवाल उठाए. उन्होंने आगे कहा कि लेनिन की मूर्ति कम्यूनिस्ट पार्टी के लोग चाहे तो अपने मुख्यालय में रखें और इसकी पूजा करें.
लोकसभा से बाहर निकलने के दौरान मीडिया ने सुब्रमण्यम स्वामी से व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा बुल्डोजर से गिराए जाने और वायरल हो रहे वीडियो को लेकर सवाल किए. इस पर स्वामी ने जवाब देते हुए कहा- 'लेनिन तो विदेशी है. एक प्रकार से आतंकवादी है. ऐसे व्यक्ति की हमारे देश में मूर्ति क्यों? वो मूर्ति कम्यूनिस्ट पार्टी के मुख्यालय में रख सकते हैं और पूजा करें'.
#Lenin to videshi hai, ek parakar se antankwadi hai, aise vyakti ka humare desh mein statue? Woh statue Communist party ke headquarters ke andar rakh sakte hain aur pooja karen :Subramanian Swamy pic.twitter.com/DUDVFApSCT
— ANI (@ANI) March 6, 2018
बुल्डोजर से ढहाई गई मूर्ति जानकारी के मुताबिक, त्रिपुरा के डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया में सोमवार को बुलडोजर की मदद से रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति ढहा दी गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. वीडियो में लोग भारत माता की जय के नारे लगाते दिखाई दिए. इस घटना के बाद से त्रिपुरा में छिटपुट हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. सीपीआई(एम) के अलग-अलग जगह स्थित ऑफिस में तोड़फोड़ की तस्वीरें भी सामने आई हैं.
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राजनाथ सिंह ने की DGP से बात
हिंसा की खबरों के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय और डीजीपी एके शुक्ला से बात कर हालातों की जानकारी ली. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित की जाए.
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त्रिपुरा में हिंसा की आलोचना
सीपीआई(एम) ने चुनाव परिणाम सामने आने के बाद से ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों के समर्थकों के बीच छिटपुट हिंसा और संघर्ष की आलोचना की है. सीपीएम के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा ने कहा कि 'इस तरह की हिंसा का हम कड़ा विरोध करते हैं. ये लोकतंत्र में स्वीकार नहीं है. हम एक बहु पार्टी लोकतंत्र हैं. किसी को जीत मिलती है तो किसी को हार. इसका मतलब ये नहीं कि वे लेनिन की मूर्ति गिराने जैसी तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाएं करने पर उतर आएं'.