रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक बनवाना चाहते हैं स्वामी, कोर्ट ने कहा- 3 महीने बाद आना
Advertisement

रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक बनवाना चाहते हैं स्वामी, कोर्ट ने कहा- 3 महीने बाद आना

वर्ष 2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस मामले में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि भगवान राम के अस्तित्व में होने के बारे में कोई पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध नहीं है और ये भी कहा था कि रामायण महज कल्पित कथा है. 

(फाइल फोटो- PTI)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने सुप्रीम कोर्ट में मेंशन कर कहा कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मामले में सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है. कोर्ट ने स्वामी से 3 महीने बाद दोबारा मेंशन करने को कहा. स्‍वामी ने कहा कि कोर्ट ने इस पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर चुका है लेकिन सालों बाद भी सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है.

बता दें कि मोदी सरकार रामसेतु पर अपना रुख स्‍पष्‍ट कर चुकी है. केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना और राम सेतु के बारे में रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. परियोजना के लिए सरकार कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलाशेगी.

fallback

स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि राम सेतु लाखों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है. इसे न तोड़ा जाए और राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए.

यह भी पढ़ें- VIDEO: टेक्नोलॉजी का बेजोड़ नमूना होगा रामेश्वरम पुल, 250 करोड़ की आएगी लागत

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस मामले में हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को तोड़ कर तय वर्तमान मार्ग से ही लागू किये जाने पर जोर देते हुए कहा था कि भगवान राम के अस्तित्व में होने के बारे में कोई पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध नहींं हैं. ये भी कहा था कि रामायण महज कल्पित कथा है. यूपीए सरकार के इस हलफनामे पर काफी हंगामा हुआ था जिसके बाद आनन-फानन में सरकार ने अपना वह हलफनामा कोर्ट से वापस ले लिया था.

Trending news