जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश पर फिर से करें विचार, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम से कहा
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जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश पर फिर से करें विचार, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम से कहा

उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ और सुश्री इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी.

जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश पर फिर से करें विचार, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम से कहा

नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार (26 अप्रैल) को उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम (न्यायाधीशों की समिति) से कहा कि न्यायमूर्ति के एम जोसेफ को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की अपनी सिफारिश पर पुन: विचार करे. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. यह घटनाक्रम वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की कोलेजियम की सिफारिश स्वीकार करने और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ के मामले में निर्णय स्थगित रखने की कार्यवाही के बाद का है.

  1. जस्टिस जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं देने के सरकार के निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई है.
  2. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इसे ‘परेशानी’ वाला बताया है.
  3. केंद्र सरकार ने कोलेजियम से जोसेफ के नाम पर फिर विचार करने को कहा है.

न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं देने के सरकार के निर्णय पर तीव्र प्रतिक्रिया हुई है और उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इसे ‘‘परेशानी’’ वाला बताया है. उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ और सुश्री इन्दु मल्होत्रा को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी.

कांग्रेस ने जस्टिस जोसेफ को SC नहीं भेजने पर उठाए सवाल
वहीं दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के. एम. जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं दिए जाने को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार (26 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'बदले की राजनीति' की राजनीति का आरोप लगाया. पार्टी ने सवाल किया कि क्या दो साल साल पहले उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ फैसला देने की वजह से न्यायमूर्ति जोसेफ को पदोन्नति नहीं दी गई? कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, 'न्यायपालिका को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की 'बदले की राजनीति' और उच्चतम न्यायालय का 'साजिशन गला घोंटने' का प्रयास फिर बेनकाब हो गया है.'

सुरजेवाला ने कहा, 'न्यायपालिका की गरिमा और संस्थाओं की संवैधानिक सर्वोच्चता को तार-तार करना मोदी सरकार की फितरत बन गई है. जून, 2014 में उन्होंने (सरकार) जानेमाने न्यायविद जी. सुब्रमण्यम के नाम को उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश के रूप मंजूरी नहीं दी क्योंकि वह अमित शाह और उनके लोगों के खिलाफ वकील रहे थे.' 

खबरों के मुताबिक उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा के नाम को सरकार ने स्वीकृति दे दी है, लेकिन न्यायमूर्ति जोसेफ नाम को मंजूरी नहीं दी गई. उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम से इन दोनों लोगों के नाम की फाइल 22 जनवरी को कानून मंत्रालय को मिली थी. न्यायमूर्ति जोसेफ उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं. गौरतलब है कि मार्च, 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया था. कुछ दिनों बाद ही न्यायमूर्ति जोसेफ की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने इसे निरस्त कर दिया था.

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