सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को जिन मामलों पर होगी सुनवाई उनपर एक नज़र...
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सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को जिन मामलों पर होगी सुनवाई उनपर एक नज़र...

जम्मू -कश्मीर में पत्थरबाजों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने के मामले को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कई अहम मामलों पर सुनवाई होनी है. सर्वोच्च न्यायलय 21 अगस्त को शोपियां फायरिंग मामला, जम्मू कश्मीर पत्थरबाजों पर दर्ज मुकदमों, डीएनडी, शेल्टर होम, गंभीर अपराधों में सजा और दिल्ली में अतिक्रमण हटाने जैसे अहम मामलों पर सुनवाई करेगी.

शोपियां फायरिंग केस पर सुनवाई
कश्मीर शोपियां फायरिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा पिछली सुनवाई में जम्मू कश्मीर सरकार ने कहा कि अगर सेना ग़लत कार्रवाई करती है और किसी बेक़सूर को मारती है तो ऐसे में कार्रवाई में शामिल फ़ौजियों पर राज्य पुलिस एफ़आइआर दर्ज कर सकती है और इसी तरह शोपियाँ मामले में सेना के जवानों पर दफ़ा 302 के तहत एफ़आइआर दर्ज की गई थी, साथ ही कहा कि इस मामले में दर्ज एफ़आइआर पर कोरट के आदेश के चलते जांच अनिश्चितकाल तक नहीं रोकी जा सकती.दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकार को सेना के खिलाफ FIR दर्ज करने का अधिकार नहीं. अगर कभी मुकदमा दर्ज करना भी हो तो उसके लिए पहले केन्द्र सरकार की मंज़ूरी लेना अनिवार्य है.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अब ये तय करेगा कि क्या AFSA की धारा सात के तहत सेना के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले केंद्र की इजाजत जरूरी है या नहीं.साथ ही सुप्रीमकोर्ट यह भी देखेगा कि मेजर आदित्य के पिता जो कि कर्नल हैं, क्या वह मेजर आदित्य के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आइआर को रद्द करवाने के लिए जनहित याचिका के रूप में याचिका दाख़िल कर सकते हैं या नहीं और क्या इस कारण को लेकर यह याचिका सुनने योग्य है कि नहीं. दरअसल आपराधिक मामले में आरोपी को खुद याचिका दायर करनी होती है जबकि इस मामले में याचिका उनके पिता ने दायर की है और वह भी जनहित याचिका के रूप में

पत्थरबाजों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने पर होगी सुनवाई
जम्मू -कश्मीर में पत्थरबाजों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने के मामले को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर राज्य सरकार के फैसले को चुनोती दी गई है. याचिका में आर्मी के लोगों पर FIR दर्ज करने के मामले को भी उठाया गया.

शेल्टर होम मामले पर सुनवाई
शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा जब एडवायजरी का पालन नहीं होता तो आप इसे जारी क्यों करते हैं. क्यों ना आप डे टू डे बेसिस पर NGO द्वारा चलाए जाने वालेशेल्टर होम की निगरानी करें और मुजफ्फर नगर जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शेल्टर होम में सीसीटीवी लगाएं.सुप्रीम कोर्ट ने प्रिंट, इलेक्ट्रानिक व सोशलमीडिया को निर्देश दिए. देशभर यौन उत्पीडन के शिकार बच्चों की तस्वीरें, वीडियो किसी भी तरह नहीं दिखाई जाएंगी. सोशल मीडिया से ऐसे नाबालिग के वीडियो तस्वीरें हटाई जाएं.

गंभीर अपराधों में जिसमें सज़ा 5 साल से ज्यादा सजा पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें मांग की गई है कि गंभीर अपराधों में जिसमें सज़ा 5 साल से ज्यादा हो. अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ आरोप तय होते हैं तो उसके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए. अगर कोई सासंद या विधायक है तो उसकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए.दरसअल मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को विचार के लिए भेजा था. इस मामले में अश्विनी कुमार उपाध्याय के अलावा पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह और एक अन्य एनजीओ की याचिकाएं भी लंबित हैं.

अतिक्रमण हटाने को लेकर सुनवाई
दिल्ली में सड़कों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आतंकवादियों हमलों से ज्यादा लोग सड़कों के गड्ढे में गिरकर मरते है. लोगों का इस तरह मरना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण. सड़कों के गड्ढे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को समन जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने समन जारी कर पूछा सड़कों पर अवैध अतिक्रमण को हटाने में 2 साल का समय क्यों लगेगा?

यूनिटेक मामले पर सुनवाई
यूनिटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में संजय चंद्रा की तरफ से पेश वकील रंजीत कुमार ने कहा कि संजय चंद्रा लगभग एक साल से जेल में बंद है ऐसे में उसे कस्टडी पैरोल दिया जाए
संजय चंद्रा की तरफ से पेश वकील रंजीत कुमार ने ये भी कहा कि 74 प्रोजेक्ट में से ज़्यादातर का काम पूरा हो चुका है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कस्टडी पैरोल देने से इनकार किया था.

डीएनडी को लेकर सुनवाई 
दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी ब्रिज टोल टैक्स मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को कहा कि इस मामले में IT ने भी अर्जी दाखिल किया है उसपर जवाब दे. इनकम टैक्स ने कहा कि कंपनी टैक्स नही दे रही है. जबकि इनके उप्पर टैक्स बकाया है. कंपनी ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद हम टोल वसूल नही कर पा रहे है.

दिल्ली सरकार और केन्द्र के अधिकारो पर सुप्रीम सुनवाई
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों की लड़ाई अभी जारी है जिसपर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने याचिका दायर कर दिल्ली में अधिकारियों के तबादले का अधिकार केन्द्र की बजाय दिल्ली सरकार के पास होने की माँग की थी साथ ही एक और याचिका दायर कर दिल्ली की एंटी करपशन ब्रांच के अधिकार क्षेत्र का दायरा बडाकर इसमें केन्द्र सरकार ले जुड़े मसलों पर भी कार्रवाई करने के अधिकार की माँग की थी, इन याचिकाओं पर यानि अधिकारों की जंग को लेकर दिल्ली सरकार VS उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। ये सभी याचिकाएँ दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसलों के ख़िलाफ़ दायर की गई थी जिनमें हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की इन माँगों को ठुकराते हुए फैसला केन्द्र सरकर के हक़ में सुनाया था.

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