Omar Abdullah: सुप्रीम कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की अलग रह रहीं पत्नी पायल को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा माजरा
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Omar Abdullah: सुप्रीम कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की अलग रह रहीं पत्नी पायल को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा माजरा

Omar Abdullah Divorce Case: सुप्रीम कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की तलाक याचिका पर पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया है. उमर ने क्रूरता के आधार पर तलाक याचिका दायर की है.

Omar Abdullah: सुप्रीम कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की अलग रह रहीं पत्नी पायल को भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा माजरा

Omar Abdullah Divorce Case: सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की तलाक याचिका पर अलग रह रहीं उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला को सोमवार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा. उमर ने क्रूरता के आधार पर तलाक याचिका दायर की है. न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी करके छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा.

उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि यह विवाह ‘‘समाप्त’’ हो चुका है क्योंकि वे पिछले 15 वर्षों से अलग रह रहे हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 दिसंबर, 2023 को उमर अब्दुल्ला की तलाक की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनकी अपील में कोई दम नहीं है.

उच्च न्यायालय ने 2016 के पारिवारिक अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला की याचिका पर तलाक का आदेश देने से इनकार कर दिया गया था. वकील कपिल सिब्बल ने उमर अब्दुल्ला की ओर से अदालत को बताया कि दंपति का विवाह "समाप्त" हो चुका है क्योंकि वे पिछले 15 वर्षों से अलग रह रहे हैं. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप का अनुरोध किया, जिसे अतीत में विवाह विच्छेद को भंग करने के लिए लागू किया गया था.

2023 में, जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की एक पीठ ने 2016 के पारिवारिक अदालत के आदेश को बरकरार रखा था. जिसमें पायल अब्दुल्ला के खिलाफ क्रूरता के आरोपों को अस्पष्ट बताते हुए तलाक देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि उमर अब्दुल्ला "क्रूरता" या "परित्याग" के अपने दावों को साबित नहीं कर सके.

अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि उसे पारिवारिक अदालत के आदेश में कोई खामी नहीं मिली और उसके फैसले से सहमत है. आदेश में कहा गया है कि "हमें पारिवारिक अदालत द्वारा लिए गए विचार में कोई कमी नहीं मिली कि क्रूरता के आरोप अस्पष्ट और अस्वीकार्य थे, अपीलकर्ता उनके खिलाफ किसी भी ऐसे कृत्य को साबित करने में विफल रहा जिसे क्रूरता का कार्य माना जा सकता है, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक."

उमर और पायल अब्दुल्ला की शादी 1 सितंबर 1994 को हुई थी और वे 2009 से अलग रह रहे हैं. वे अपने दो बेटों की कस्टडी साझा करते हैं. इससे पहले, उच्च न्यायालय ने उमर अब्दुल्ला को भी निर्देश दिया था कि वह अपनी पत्नी को प्रति माह ₹ 1.5 लाख का भरण-पोषण दें, साथ ही अपने दो बेटों को प्रति माह ₹60,000 दें.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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