सुशांत केस में जांच के लिए CBI को BMC से लेनी होगी इस बात की मंजूरी
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सुशांत केस में जांच के लिए CBI को BMC से लेनी होगी इस बात की मंजूरी

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राजपूत मामले में पटना में दर्ज प्राथमिकी को सीबीआई को स्थानांतरित करने के बिहार सरकार के फैसले को स्वीकार कर लिया.

सुशांत केस में जांच के लिए CBI को BMC से लेनी होगी इस बात की मंजूरी

मुंबई: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले में जांच के लिए मुंबई आने वाले सीबीआई (CBI) के दल को शहर में एक सप्ताह से अधिक समय तक रहना है तो उसे गृह पृथक-वास से छूट के लिए आवेदन करना होगा. इस बीच महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री ने कहा कि मुंबई पुलिस (Mumbai Police) मामले में जांच करती रहेगी.

उच्चतम न्यायालय (supreme court) ने बुधवार को सुशांत सिंह राजपूत मामले में पटना में दर्ज प्राथमिकी को सीबीआई को स्थानांतरित करने के बिहार सरकार के फैसले को स्वीकार कर लिया.

इससे पहले मामले की जांच के सिलसिले में जब बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी मुंबई पहुंचे थे तो उन्हें बीएमसी अधिकारियों ने कोरोना वायरस से संबंधित नियमों के तहत पृथक-वास में भेज दिया था.

बीएमसी के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने के अनुरोध पर बताया कि महाराष्ट्र सरकार के नियमों के अनुसार महत्वपूर्ण काम से आने वाले सरकारी अधिकारियों और कोविड-19 संबंधी ड्यूटी पर लगे डॉक्टरों को सात दिन ठहरने के लिए गृह पृथक-वास के नियम से छूट है.

उन्होंने कहा कि लेकिन अगर दूसरे राज्य के अधिकारी यहां सात दिन से अधिक समय तक ठहरना चाहते हैं तो उन्हें बीएमसी से छूट के लिए आवेदन करना होगा.

इस बीच महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि मुंबई पुलिस सुशांत सिंह राजपूत मामले में जांच करती रहेगी.

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वरिष्ठ शिवसेना नेता परब ने यह दावा भी किया कि उच्चतम न्यायालय ने अभी तक मुंबई पुलिस द्वारा की गयी जांच में कोई त्रुटि नहीं पाई है.

उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने सीबीआई से राजपूत के पिता द्वारा पटना में दर्ज प्राथमिकी के मामले में जांच करने को कहा है.

परब ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार का यह कहना था कि मामले को मुंबई स्थानांतरित किया जाए क्योंकि यह उसके अधिकार क्षेत्र का मामला है.’

उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार इस बारे में फैसला करेगी कि पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए या नहीं.’

इनपुट: भाषा

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