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काबुल: महीनों तक अफगानिस्तान (Afghanistan) में आतंक मचाने और हर पल मौत के साए में लोगों को जीने पर मजबूर करने वाले तालिबान (Taliban) ने सत्ता पाते ही अपने सुर बदल दिए. प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अफगानियों की सुरक्षा करने, महिलाओं को पढ़ने और कुछ खास क्षेत्रों में काम करने की इजाजत देकर उदारवादी (Moderate) होने की बात कही लेकिन उसी दौरान एक महिला (Woman) को केवल इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उसने बुर्का (Burqa) नहीं पहना था.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार 17 अगस्त, मंगलवार को ही तालिबान ने देश में नए समावेशी युग की शुरुआत करने का संकल्प लिया. इसमें महिलाओं के अधिकारों (Women Rights) को सम्मान देने का वादा किया, लेकिन उसी दिन तालिबानी लड़ाकों ने एक महिला की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने बुर्का नहीं पहना था. तखर प्रांत में खून से लथपथ एक महिला की तस्वीर सामने आई है, जिसके परिजन उसके पास खड़े हैं. तालिबानियों ने इस महिला को गोली मार दी क्योंकि वह सार्वजनिक जगह पर बुर्का नहीं पहने थी.
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गौरतलब है तालिबान के प्रवक्ता (Taliban Spokesperson) जबीहुल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कांफ्रेंस करके अफगानियों को संरक्षण देने का वादा किया था. साथ ही कहा कि अफगानी लोगों को देश छोड़कर जाने की जरूरत नहीं है. तालिबान ना तो अफगान सरकार के सदस्यों और उनके परिवारों को नुकसान पहुंचाएगा और ना ही महिलाओं को नुकसान पहुंचाएगा.
यहां तक कि प्रवक्ता ने लड़कियों से फिर से पढ़ाई शुरु करने और महिलाओं से काम पर लौटने का आग्रह किया. तालिबान ने उन अफगानियों को माफ करने की भी बात कही जिन्होंने तालिबान के खिलाफ काम किया, हालांकि उसी वक्त तालिबानी लड़ाके अफगान के पूर्व सैनिकों के घरों में घुसकर उन्हें गोलियों से भून रहे थे.