आसमान में दिखी भारत की ताकत, नए फाइटर जेट Tejas Mk-1A ने भरी पहली उड़ान, पिछले विमान से ज्यादा एडवांस
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आसमान में दिखी भारत की ताकत, नए फाइटर जेट Tejas Mk-1A ने भरी पहली उड़ान, पिछले विमान से ज्यादा एडवांस

Tejas MK-1A completes maiden flight : Tejas Mk-1A फाइटर जेट ने अपनी पहली सफल उड़ान भरी है. बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड द्वारा निर्मित यह विमान अपनी पहली उड़ान के दौरान लगभग 18 मिनट तक हवा में रहा.

 

Tejas MK-1A

Tejas Mk-1A :  भारत में निर्मित स्वदेशी Tejas Mk-1A फाइटर जेट ने आज ( 28 मार्च ) को अपनी पहली उड़ान भरी है. बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की फैसिलिटी में यह उड़ान सफलतापूर्वक पूरी हुई है. यह उड़ान करीब 18 मिनट की थी. कुछ समय पहले ही इस विमान में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) को लगाया गया था. बताया जा रहा है, कि मार्च के आखिर तक वायुसेना को स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सौंपा जा सकता है. इस लड़ाकू विमान को वायुसेना पाकिस्तान की सीमा से सटे बीकानेर स्थित नाल एयरक्राफ्ट स्टेशन पर तैनात किए जाने की उम्मीद है.

 

 

2200 किमी प्रति घंटा है स्पीड

 

इस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की स्पीड की बात करें तो ये 2200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. यह मैक्सिमम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसको 9 रॉकेट, बम और मिसाइल से लैस किया जा सकता है. बता दें, कि इसमें हैमर और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें भी लगाने की तैयारी की जा रही है, जिससे पाकिस्तान जैसे दुश्मन की खैर नहीं होगी. 

 

तेजस में DFCC लगाया गया

 

तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) को लगाया गया है. DFCC का मतलब होता है, कि फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगाना. यानी कंप्यूटर विमान को उड़ाते समय पायलट के मुताबिक संतुलित रखता है.  

 

इस सिस्टम से राडार, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है. फ्लाई बाय वायर फाइटर जेट को स्टेबलाइज करता है. यह विमान को सुरक्षित बनाता है. यह जेट असल में अन्य फाइटर जेट की तुलना में बेहद छोटा है. इसलिए यह दुश्मन के राडार में बतौर फाइटर जेट नहीं आता. इसी धोखे का फायदा उठाकर तेजस से हमला किया जा सकता है.  

Tejas MK-1A में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं.  

 

यह फाइटर जेट वैसे तो तेजस एमके-1 की तरह ही है, इसमें कुछ चीजें बदली गई हैं. जैसे इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूईट, उत्तम एईएसए राडार, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, राडार वॉर्निंग रिसीवर लगा है. इसके अलावा इसमें बाहर से ECM पॉड भी लगा सकते हैं.  

 

2028 तक 83 फाइटर जेट सेना को मिलेंगे

केंद्र सरकार ने 2021 में 83 उन्नत तेजस मार्क-1ए जेट के लिए 46,898 करोड़ रुपये का भारी-भरकम अनुबंध किया था. डिलीवरी मार्च 2024 से फरवरी 2028 के बीच की जानी है. भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही दो तेजस स्क्वाड्रन, 'फ्लाइंग डैगर्स' और 'फ्लाइंग बुलेट्स' हैं, जिनमें से एक अब दक्षिण-पश्चिमी सेक्टर में तैनात है.

 

 

 

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