मिड-डे-मील खाकर 32 बच्चों की बिगड़ी तबीयत, हेडमास्टर सस्पेंड
Advertisement
trendingNow11021863

मिड-डे-मील खाकर 32 बच्चों की बिगड़ी तबीयत, हेडमास्टर सस्पेंड

तेलंगाना सरकार के एक स्कूल में मिड-डे-मील खाने के बाद कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. बीमार बच्चों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मामला सामने आने के बाद जिले के डीओ ने स्कूल के प्रधानाध्यापक को सस्पेंड कर दिया.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. तेलंगाना सरकार (Telangana Government) के एक स्कूल में मिड-डे-मील खाने के बाद 32 छात्र शुक्रवार को बीमार हो गए. जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) डॉक्टर ए. रवीन्द्र रेड्डी ने कहा कि निर्मल जिले के दिम्मादुर्थी गांव स्थित मंडल परिषद अपर प्राइमरी स्कूल के कुल 114 छात्रों ने मिड-डे- मील में बना खाना खाया था, जिनमें से 32 बीमार हो गए.

  1. मिड-डे-मील खाकर बीमार हुए 32 बच्चे
  2. स्कूल में पढ़ते हैं 114 बच्चे
  3. स्कूल के प्रिंसिपल हुए सस्पेंड 

उन्होंने बताया कि 32 छात्रों का तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज किया गया. उन्होंने बताया कि उनमें से 12 छात्रों को निगरानी में रखा गया है और उन सभी की हालत खतरे के बाहर है.

ये भी पढ़ें: इस महीने पूरा हो जाएगा श्रीराम मंदिर की नींव का काम, जानें कब से कर सकेंगे दर्शन

प्रधानाध्यापक को किया सस्पेंड

डीईओ की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी मुशर्रफ फारूकी ने स्कूल के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया है. डीईओ ने बताया कि जिस एजेंसी को भोजन की आपूर्ति कराने का ठेका दिया गया था, उसका ठेका रद्द कर दिया गया है.

स्कूलों की जवाबदेही तय करने के लिए केंद्र ने जारी की थी गाइडलाइन

ये पहला मामला नहीं है जब मिड-डे-मील खाने से स्कूली बच्चों की तबीयत बिगड़ी हो. कुछ दिन पहले हरियाणा के करनाल से ऐसा ही मामला सामने आया था. ये घटनाएं मिड-डे-मील व्यवस्थाओं की पोल खोल रहीं हैं. कुछ समय पहले केंद्र ने बच्चों की सुरक्षा के मामले में स्कूलों की जवाबदेही तय करने के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी. गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है. यहां तक कि स्कूलों की मान्यता भी रद्द हो सकती है. कहा गया था कि स्कूलों को एक सुरक्षित बुनियादी ढांचा देने, समय पर चिकित्सा सहायता मुहैया कराने, छात्रों द्वारा रिपोर्ट की गई शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने, डराने-धमकाने की रोकथाम करने, शारीरिक दंड भेदभाव और मादक पदार्थों के सेवन का उपयोग रोकने और कोविड-19 दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन कराना होगा.

ये भी पढ़ें: भारत की सॉफ्ट पावर कैसे बनती चली गई दिवाली? अमेरिका से मलेशिया तक मची धूम

क्या है मिड-डे-मील 

स्कूली बच्चों को भोजन कराने के लिए एक योजना है. इस योजना को  15 अगस्त 1995 में शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पौष्टिक भोजन की उपलब्धता और उनके अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना था. इस योजना के माध्यम से सरकार विद्यालयों के सभी बच्चों के लिए मुफ्त भोजन दिया जाता है. यह योजना केवल सरकारी स्कूलों के लिए उपलब्ध है, सरकारी स्कूलों के साथ-साथ मदरसा के लिए भी Mid Day Meal Yojana का लाभ मिल सकता है. इस योजना के तहत सरकारी रिपोर्टों के अनुसार भोजन में 1,265,000 से अधिक स्कूलों और अन्य सरकारी केंद्रों में 120,000,000 से अधिक बच्चों की सेवा करने का रिकॉर्ड बनाया.

(इनपुट- भाषा)

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news