अफगानिस्तान (Afghanistan) की सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऑपेरशन में जैश के एक आतंकी को हिरासत में लिया है, जिसके खुलासे ने पाकिस्तान (Pakistan) की पोल खोल दी है.
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नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) की सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऑपेरशन में जैश के एक आतंकी को हिरासत में लिया है, जिसके खुलासे ने पाकिस्तान (Pakistan) की पोल खोल दी है. अफगानिस्तान के नांनगहार इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 15 आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया. साथ ही एक आतंकी को मुठभेड़ के दौरान हिरासत में ले लिया गया. पकड़े गये जैश के आतंकी ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान की आईएसआई (ISI) अफगानिस्तान के टेरर कैंपों में आतंकियों को कश्मीर (Kashmir) पर हमले के लिए ट्रेनिंग दे रही है.
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सुरक्षा बलों ने जिन 15 आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया है उनमें से 5 तालिबानी हैं और बाकी के 10 आतंकी जैश ए मोहम्मद ग्रुप से हैं जिनको कश्मीर पर हमले के लिए इस्तेमाल किया जाना था.
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई कश्मीर और अफगानिस्तान में भारतीय ठिकानों पर हमले की साजिश में लगी हुई है जिससे अफगानिस्तान से भारत को बाहर किया जा सके.
जिस आतंकी को अफगानिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लिया है, उसने ये खुलासा किया है कि उसे पाकिस्तान के टेरर कैंप्स में चार महीने की ट्रेनिंग दी गई है और वो अफगानिस्तान में हमले के लिए एक ग्रुप के साथ दाखिल हुआ था.
दोहा में तालिबान और अमेरिका के बीच हुए शांति समझौते के चलते कुछ महीनों में अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी होनी है. ऐसे में पाकिस्तान इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश में है.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी इस बात की आशंका जाहिर की थी कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पाकिस्तान की एजेंसीज अफगानिस्तान में भारतीय ठिकानों पर हमले करवायेंगी. हाल ही में काबुल के गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में 25 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. हमले के बाद जांच में ये खुलासा हुआ था कि फिदाईन आतंकियों के निशाने पर काबुल में रह रहे भारतीय दूतावास के अधिकारी थे.
केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान तालिबानी वार वेटरन्स को कश्मीर में शिफ्ट करा कर भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले करवाना चाहता है. जब अफगानिस्तान में तालिबान का एक वक्त में पूरी तरह कब्जा था तब भी अफगानी मूल के आतंकियों को कश्मीर में दाखिल कराया सुरक्षा बलों पर हमले कराये जाते थे.
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक नांगहार इलाके में स्थित तालिबान के तीन कैंपों में जैश और दूसरे आतंकियों को तालिबान के साथ ट्रेनिंग कराई जा रही है. इन कैंपो के नाम खोगयानी-1, खोगयानी-2 और दरगाह कैंप हैं जिनमें जैश के आतंकियों को फिदाईन हमले के लिए तैयार किया जा रहा है.