गरीबी से मुक्ति दिलाएगा ये बजट, हर गरीब के घर का सपना होगा पूरा: पीएम मोदी
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गरीबी से मुक्ति दिलाएगा ये बजट, हर गरीब के घर का सपना होगा पूरा: पीएम मोदी

  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अरुण जेटली को संतुलित और बेहतर बजट पेश करने के लिए बधाई दी।

गरीबी से मुक्ति दिलाएगा ये बजट, हर गरीब के घर का सपना होगा पूरा: पीएम मोदी

नई दिल्‍ली:  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अरुण जेटली को संतुलित और बेहतर बजट पेश करने के लिए बधाई दी।
 
पीएम मोदी ने कहा कि ये बजट गरीबी से मुक्ति दिलाएगा। साथ ही गरीब, किसान के जीवन में बदलाव लाएगा। उन्‍होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की योजना है। इससे ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को नई ऊर्जा मिलेगी। साथ ही ये बजट हाउसिंग सेक्‍टर को ताकत देगा। ये बजट गरीबी से मुक्ति दिलाने के लिए समबद्ध योजना है। हर गरीब के घर का सपना पूरा होगा।

 

उन्‍होंने कहा कि किसानों के हालात बेहतर बनाने की कोशिश की गई है। बजट के जरिये गांव के विकास की कोशिश भी है। इसके लिए बजट में सिंचाई, पर्यावरण का ध्‍यान रखा गया है। यह बजट देश के विकास के लिए है। आम बजट पर पीएम मोदी ने कहा कि पांच लाख तक आय वालों के लिए बजट में टैक्‍स में छूट दी गई है।
 
इससे पहले, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है और वैश्विक स्तर पर विकास दर 2014 के 3.4 प्रतिशत से गिरकर 2015 में 3.1 प्रतिशत आ गई है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक ‘देदिप्यमान प्रकाशस्तम्भ’ का नाम दिया है। जेटली ने लोकसभा में 2016-17 का बजट पेश करते हुए यह बताया। वित्त मंत्री ने पिछली सरकार पर कटाक्ष करते कहा कि विरासत में मिली खराब अर्थव्यवस्था को नई सरकार ने पटरी पर लाने का काम किया है जिसे वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। इस बात को उन्होंने एक कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से पेश किया: ‘ कश्ती चलाने वालों ने जब हार के दी पतवार हमें लहर लहर तूफान मिले और मौज मौज मझधार हमें फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको इन हालात में आता है, दरिया पार करना हमें ’।

अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि मैं यह बजट ऐसे समय में प्रस्तुत कर रहा हूं जब वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है । वैश्विक स्तर पर विकास 2014 के 3.4 प्रतिशत से कम होता हुआ 2015 में 3.1 प्रतिशत के स्तर पर आ गया है। वित्तीय बाजारों पर आघात हुए हैं और वैश्विक व्यापार कम हो गया । विश्व स्तर पर इन प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपना आधार मजबूत बनाये रखा है। हमारी अंतर्निहित ताकत और इस सरकार की नीतियों की मेहरबानी ने भारत को लेकर अपार विश्वास और आशा कायम है।

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