ग्राम स्वराज: किशनगढ़ की बदली किस्मत, गुमनामी के अंधेरे से निकलकर लिखी नई इबारत
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ग्राम स्वराज: किशनगढ़ की बदली किस्मत, गुमनामी के अंधेरे से निकलकर लिखी नई इबारत

समूचे हरियाणा में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए गावों में किशनगढ़ ही एक गांव ऐसा है, जिसकी सफलता की कहानी को एक उदाहरण के तौर पर भारत सरकार ने चुना है.   

 

ग्राम स्वराज: किशनगढ़ की बदली किस्मत, गुमनामी के अंधेरे से निकलकर लिखी नई इबारत

नई दिल्ली: सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए हरियाणा (Haryana) के हिसार जिले के गांव किशनगढ़ में 'ग्राम स्वराज' का सपना पूरा हो रहा है. यह गांव राज्य सभा के सांसद डॉ सुभाष चंद्रा ने गोद लिया है. समूचे हरियाणा में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए गावों में यही एक गांव ऐसा है जिसकी सफलता की कहानी को एक उदाहरण के तौर पर भारत सरकार ने चुना है.   

  1. गांव किशनगढ़ की विकास यात्रा
  2. किशनगढ़ ने लिखी नई इबारत
  3. विकास के पथ पर लगातार अग्रसर

सबका साथ 'सबका' विकास

दरअसल राज्य सभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा ने 'सबका' (SABKA) नाम के पांच गांवों का एक समूह बनाया है. इस ग्रुप में शामिल पांचों गांवों को उन्होंने गोद लिया है. SABKA का मतलब है- सदलपुर, आदमपुर, बरारवाला खरा, किशनगढ़ और आदमपुर मंडी. 'सबका' के तहत किए जा रहे प्रयास हर वर्ग के लिए हैं. राज्य सभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा ने इन गांवों के विकास के लिए योजना बनाई और फिर समस्या और आवश्यकता की पहचान की. इसके बाद समस्याओं के समाधान पर काम शुरू किया. उन्होंने इन गांवों की तरक्की की खुद जिम्मेदारी ली. समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई गईं, जिसका नतीजा है आज किशनगढ़ में 'ग्राम स्वराज' का सपना पूरा हो रहा है. 

इस तरह आया बदलाव

1. ग्राम विकास समिति के साथ ग्राम पंचायत की मजबूती- ग्राम विकास समिति के जरिए ग्राम पंचायत को मजबूती दी गई. ये समिति गांव में होने वाले विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर विकास गतिविधियों को सुनिश्चित करती है.

2. मूलभूत सेवाओं के लिए गांव का बुनियादी ढांचा- गांव किशनगढ़ में अब मूलभूत सेवाओं का अभाव नहीं है. यहां बढ़िया पंचायत भवन, सामुदायिक पार्क, खेल मैदान, सड़क, बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा और स्कूल के निर्माण कराए गए हैं, जबकि पहले के हालात इससे उलट थे.

सुभाष चंद्रा फाउंडेशन द्वारा विकास की पहल

1. शिक्षा के क्षेत्र में- सुभाष चंद्रा फाउंडेशन द्वारा लड़कियों को शिक्षित करने और बराबरी का अधिकार देने के लिए 'सच विजय छात्रवृत्ति कार्यक्रम' के माध्यम से सशक्त बनाया जा रहा है. इस योजना के तहत 100 मेधावी लड़कियों को 10,000 - 15,000 की स्कॉलरशिप दी जा रही है. 

2. कृषि के क्षेत्र में- हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ कोलेबरेशन और एकीकृत ग्राम विकास कार्यक्रम के जरिए किसानों के हित में कई कदम उठाए जा रहे हैं. गांव में हाईटेक उद्यान विकसित किए जा रहे हैं. ऑर्गेनिक क्लस्टर विकास, केवीके फार्म, किसानों का रोजगार बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग के जरिए स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इस कार्यक्रम के जरिए लगभग 5000 किसानों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

3. युवा खेल और जीवन कौशल विकास कार्यक्रम 
500 युवा बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, थ्रोबॉल आदि की ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं. इनमें से 100 से ज्यादा बच्चे स्टेट लेवल स्पोर्ट कॉम्पटीशन में भाग ले चुके हैं. 40 युवा ग्राम विकास की पहल में अग्रणी काम कर रहे हैं. इसी प्रोग्राम के तहत श्री होशियार सिंह और श्रीमती इंद्रावती देवी का बेटा अमित अपना सपना पूरा कर पाया. अमित का भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का सपना था. सुभाष चंद्रा फाउंडेशन के जरिए ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद अमित खेल कोटा से सेना में भर्ती हो गया.

4. महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयास
सुभाष चंद्रा फाउंडेशन के जरिए किचन गार्डन और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत लोगों को अपने घर के लिए ताजी सब्जी के लिए अब बाजार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. कई किसान परिवार किचन गार्डन के जरिए सब्जियों की आपूर्ति भी कर रहे हैं. इस योजना से महिलाओं को सशक्त किया जा रहा है. 

5. किसान उत्पादक कंपनी
सुभाष चंद्रा फाउंडेशन द्वारा चलाई जा रही किसान उत्पादक कंपनी किसानों के लिए एक कंपनी है. अच्छा बाजार, बेहतर मूल्य, कृषि परामर्श, खरीद और किसान सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए ये प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इससे करीब 350 किसान जुड़े हैं.

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