Ugly Girls Can Be Married Off: यह किताब नर्सिंग छात्रों के लिए सिलेबस के तौर पर शामिल की गई है. इसके कवर पर लिखा है कि यह भारतीय नर्सिंग परिषद (Indian Nursing Council) के सिलेबस के अनुसार लिखी गई है.
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नई दिल्ली: दहेज प्रथा के 'गुणों और लाभों' को बताने वाली एक किताब का कवर पेज की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. लोग इस किताब के कवर और उसके साथ लिखी जानकारी को देखकर आश्चर्यचकित हैं. क्योंकि किताब का विषय ही नहीं बल्कि उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि ये किताब भारतीय नर्सिंग परिषद (Indian Nursing Council) के सिलेबस में शामिल है. अब इस किताब को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा हो रहा है.
इस किताब में एक उपशीर्षक के साथ एक हिस्सा है जिस पर सारा विवाद है, इसका नाम है 'दहेज की योग्यता' जिसकी लेखिका टीके इंद्राणी हैं. पेज की फोटो शेयर करने वाले सोशल मीडिया यूजर्स में शिवसेना नेता और राज्य सभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं, उन्होंने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ऐसी किताबों को सिलेबस से हटाने का आग्रह किया और कहा कि हमारे सिलेबस में ऐसे विषयों का होना 'शर्म की बात है'.
I request Shri @dpradhanbjp ji to remove such books from circulation. That a textbook elaborating the merits of dowry can actually exist in our curriculum is a shame for the nation and its constitution. https://t.co/qQVE1FaOEw
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) April 3, 2022
विवादित किताब के एक अंश में कहा गया है कि फर्नीचर, रेफ्रिजरेटर और वाहनों जैसे उपकरणों के साथ 'दहेज नया घर स्थापित करने में सहायक है.' इसके बाद दहेज में माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा पाने वाली लड़कियों को प्रथा का विरोध करने वालीं लड़कियों के रूप में बताया गया है. गौरतलब है कि यह किताब उसी देश के सिलेबस में पढ़ाई जा रही है जहां यह कई सालों से गैरकानूनी है. हमारे समाज में दहेज की मांग को लेकर महिलाओं को मानसिक रूप प्रताड़ित करने, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने, मारने और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की खबरें आज भी आती रहती हैं.
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इस किताब में लेखक का कहना है कि दहेज प्रथा का एक 'अप्रत्यक्ष लाभ' यह है कि माता-पिता ने अब अपनी लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है ताकि उन्हें कम दहेज देना पड़े. पेज के अंतिम बिंदु में लिखा है कि दहेज प्रथा 'बदसूरत दिखने वाली लड़कियों' की शादी कराने में मदद कर सकती है.
ट्विटर यूजर्स ने किताब की जमकर आलोचना की है. लोगों ने इसके अंश शेयर करते हुए कहा है कि यह चौंकाने वाली बात है कि ऐसी किताबें कॉलेज लेबल के स्टूडेंट्स के सिलेबस का हिस्सा हैं.