उपचुनाव नतीजों का संकेत: विपक्ष एकजुट हो तो अभेद्य नहीं है बीजेपी का किला
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उपचुनाव नतीजों का संकेत: विपक्ष एकजुट हो तो अभेद्य नहीं है बीजेपी का किला

बहरहाल, पार्टी ने इस हार को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की और कहा कि इन चुनावों में लोगों ने स्थानीय मुद्दों पर वोट दिए हैं.

उपचुनाव नतीजों का संकेत: विपक्ष एकजुट हो तो अभेद्य नहीं है बीजेपी का किला

लखनऊ: लोकसभा की तीन सीटों के उपचुनाव के नतीजे इस बात को रेखांकित करते हैं कि विपक्षी दलों की एकजुटता बीजेपी के मजबूत किले को भी भेद सकती है. बीजेपी के रणनीतिकार 2019 का लोकसभा चुनावजीतने के लिये उत्तर प्रदेश और बिहार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और अब इन नतीजों से उनको अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत पड़ सकती है.

इन तीनों सीटों पर हार की खबर आई तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी मुख्यालय में थे. सूत्रों का कहना है कि शाह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस नतीजे की समीक्षा कर सकते हैं. बहरहाल, पार्टी ने इस हार को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की और कहा कि इन चुनावों में लोगों ने स्थानीय मुद्दों पर वोट दिए हैं तथा केंद्र या राज्य की सरकारों की सेहत पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है.

बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी दावा किया कि ऐसा लगता है कि मतदाता भी पराजित पार्टियों को उत्साहित करके कुछ राजनीतिक संतुलन लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी पहले भी उप चुनाव हारी है, लेकिन इसके बाद लगातार विधानसभा चुनाव जीती है.

योगी बोले - हम हार की समीक्षा करेंगे
उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब इन दोनों सीटों के उपचुनाव के लिये प्रत्याशी घोषित हुए थे, तब सपा, बसपा और कांग्रेस समेत सभी अलग-अलग थे, लेकिन चुनाव के बीच में सपा-बसपा के बीच जो आपसी सौदेबाजी और बेमेल गठबंधन हुआ उसको समझने में कहीं ना कहीं कमी रही और अति आत्मविश्वास उसका कारण है. हम इसकी समीक्षा जरूर करेंगे.

योगी सरकार के खिलाफ है ‘जनादेश‘: अखिलेश  
उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उपचुनाव परिणाम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ ‘जनादेश‘ है. गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी का क्षेत्र हैं जबकि फूलपुर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का क्षेत्र है. अगर उन क्षेत्रों की जनता में इतनी नाराजगी है तो सोचिये आने वाले समय में देश के चुनाव में क्या होगा. सपा प्रमुख ने दावा किया कि अगर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बजाय मतपत्रों से मतदान होता तो बीजेपी लाखों वोट से हारती.

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जीत के बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष और सपा प्रत्याशी प्रवीण के पिता संजय निषाद ने कहा, "यह न ही योगी आदित्यनाथ की हार है और ना ही गोरखनाथ मठ की. हम सब गोरखनाथ मठ और नाथ सम्प्रदाय के संस्थापक मछेन्दर नाथ का सम्मान करते हैं. मेरा मानना है कि जनता ने भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी की नीतियों के खिलाफ मतदान किया." 

उधर, फूलपुर के पूर्व सांसद और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद नहीं थी कि बसपा का वोट इस तरह से सपा की तरफ ट्रांसफर हो जाएगा. हम विश्लेषण करेंगे और हम ऐसी परिस्थितियों के लिए भी तैयारी करेंगे, जबकि सपा-बसपा और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ सकते हैं.’’

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