Ayodhya Case: श्री रामलला पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि 27 सालों से टाट-पट्टी में रह रहे रामलला को जल्द ही भवन मिलेगा. बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट का सम्मान है. इतने सालों से ये मसला अटका हुआ है. अब हम भी चाहते है कि इस मामले पर फैसला आ जाए.
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अयोध्या: अयोध्या मसले (Ayodhya Case) पर 17 नवंबर से पहले फैसला आने की संभावना पर अयोध्या (Ayodhya) के संतों ने खुशी ज़ाहिर की वहीं, बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का स्वागत किया है.
ये बोले आचार्य सतेंद्र दास
श्री रामलला पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद आशा है कि 18 अक्टूबर तक सभी पक्ष अपना पक्ष रख लेंगे. श्री रामलला पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि 27 सालों से टाट-पट्टी में रह रहे रामलला को जल्द ही भवन मिलेगा. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि कोर्ट से ही निर्णय संभव है.
ये बोले इकबाल अंसारी
वहीं, इस मसले पर बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट का सम्मान है. इतने सालों से ये मसला अटका हुआ है. अब हम भी चाहते है कि इस मामले पर फैसला आ जाए. उन्होंने कहा कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसका सम्मान है.
कल होगा सनातन धर्म संसद का आयोजन
अयोध्या में राममंदिर निर्माण में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए गुरुवार यानि 19 सितंबर को सनातन धर्म संसद का आयोजन होने जा रहा है. इस धर्म संसद का आयोजक और तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास के मुताबिक, राममंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही है. उन्होंने बताया कि धर्मसंसद में सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान जी से राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की प्रार्थना की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि हनुमान जी की कृपा के बिना राममंदिर का निर्माण संभव नहीं है. परमहंस दास ने कहा कि सनातन धर्मसंसद में रामनगरी के संत और धर्माचार्यों के अलावा भारत के अलग-अलग राज्यों से बड़ी संख्या में संत शिरकत करेंगे.