शबनम की फांसी माफी के लिए आगे आए अयोध्या के बड़े संत, राष्ट्रपति से की ये अपील
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शबनम की फांसी माफी के लिए आगे आए अयोध्या के बड़े संत, राष्ट्रपति से की ये अपील

महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि मेरी देश के राष्ट्रपति से यह अपील है कि शबनम की दया याचिका को स्वीकार कर फांसी की सजा माफ कर दें. 

महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य (फाइल फोटो).

अयोध्या: शबनम के बेटे ताज के बाद अब अयोध्या तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने भी राष्ट्रपति से शबनम की फांसी की सजा को माफ करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मां का स्थान सबसे ऊपर होता है. इसलिए राष्ट्रपति से अपील है कि वह शबनम की दया याचिका स्वीकार कर उसे माफ कर दें.

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देश को मिलेगा एक अच्छा संदेश
परमहंस आचार्य का ने कहा कि पहली बार देश में किसी महिला को फांसी होने जा रही है. भले ही अपराध अक्षम्य हो लेकिन उसकी फांसी की सजा माफ करना उचित होगा. क्योंकि हमारे वेदों और पुराणों में माता का स्थान पुरुषों से हजार गुना श्रेष्ठ बताया गया है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्माचार्य होने के नाते देश के राष्ट्रपति से यह अपील करता हूं कि शबनम की दया याचिका को स्वीकार कर लें. साथ ही उसकी फांसी की सजा माफ कर दी जाए. आगे उन्होंने कहा कि ऐसा करने से महिलाओं के सम्मान को लेकर देश में एक अच्छा संदेश जाएगा. 

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शबनम के बेटे ने भी की है राष्ट्रपति से अपील 
शबनम के डेथ वॉरंट पर कभी भी हस्ताक्षर हो सकता है. जल्द ही अपराधी शबनम को मथुरा जिला जेल में फांसी पर लटकाया जा सकता है. इसी बीच शबनम के बेटे ताज ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपनी मां की फांसी की सजा को माफ करने की मांग की है. ताज का कहना है कि उसकी मां उससे बेहद प्यार करती हैं. वह उसको गले लगाती हैं और आंचल में छिपा लेती है. उसे पैसे भी देती हैं. ताज ने यह भी कहा कि उसने भारत के पीएम और राष्ट्रपति से अपनी मां के गुनाहों की सजा को माफ करने की अपील की है, ताकि उसके सिर से मां का साया न उठ पाए.

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क्या है शबनम का गुनाह?
यूपी के अमरोहा डिस्ट्रिक्ट के बावनखेड़ी गांव में 15 अप्रैल, 2008 को शबनम और उसके प्रेमी सलीम ने मिलकर शबनम के घर में उसके परिवार के सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी. मरने वालों में शबनम के मां-बाप, शबनम के दो भाई, शबनम की एक भाभी, शबनम की एक मौसी की बेटी और शबनम का एक भतीजा यानी एक बच्चा भी शामिल था.

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राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका 
निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक शबनम के इस अपराध पर उसे फांसी की सजा सुनाई गई. राष्ट्रपति ने भी शबनम की सजा को बरकरार रखा और दया याचिका खारिज कर दी. इसी के साथ अब शबनम को फांसी देने की तैयारी शुरू कर दी गई है. मथुरा जिला कारागार स्थित फांसी घर में शबनम को फांसी दी जाएगी. यह आजाद भारत में किसी महिला को पहली फांसी होगी. हालांकि, अभी जेल प्रशासन को शबनम के डेथ वॉरंट का इंतजार है.

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