मंदिर वहीं बनाएंगे से मोदी की गारंटी तक,‌ नारों ने 45 सालों में कैसे बीजेपी को बुनियाद से बुलंदी पर पहुंचाया
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मंदिर वहीं बनाएंगे से मोदी की गारंटी तक,‌ नारों ने 45 सालों में कैसे बीजेपी को बुनियाद से बुलंदी पर पहुंचाया

Lok Sabha Election 2024: साल 2014 और 2019 के बाद अब पीएम मोदी के नाम पर नारे तैयार किए जा रहे हैं. इस बार मोदी के चेहरे को देखते हुए एक नारा, जो सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल किया जा रहा है, वह है तीसरी बार मोदी सरकार.

फाइल फोटो

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल को पड़ेंगे. यूपी की 8 सीटों पर मतदान डाले जाएंगे. नामांकन के बाद अब चुनाव प्रचार का दौर शुरू हो गया है. जब बात चुनाव प्रचार की हो तो नारों का जिक्र जरूर होता है. चुनाव में नारों का खास महत्‍व है. चुनाव में नारे कभी-कभी कमाल कर जाते हैं तो कई दफा टांय-टांय फ‍िस्‍स भी हो जाते हैं. पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 2024 के चुनाव तक नारों की बहार रही है. तभी तो नारों ने 45 वर्षों में बीजेपी को शिखर तक पहुंचा दिया.  

इस साल के नारे 
साल 2014 और 2019 के बाद अब पीएम मोदी के नाम पर नारे तैयार किए जा रहे हैं. इस बार मोदी के चेहरे को देखते हुए एक नारा, जो सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल किया जा रहा है, वह है तीसरी बार मोदी सरकार. यह नारा बीजेपी के हर मंच पर लगाया जा रहा है. वहीं, दूसरा सबसे लोकप्रिय नारा मोदी की गारंटी. इन नारों के बीच बीजेपी ने एक और नया नारा तैयार कर लिया है, 'सपने नहीं हकीकत बुनते हैं, इसलिए तो सब मोदी को चुनते हैं'...का नारा गढ़ा है.   

काशी से निकला ये नारा
पिछले दिनों पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे तो वहां भी नए नारे गढ़े गए. लोकसभा 2024 के लिए काशी के से नारा गढ़ा गया, चलो दिलदार चलो, चार सौ पार चलो. इसके अलावा मोदी है तो मुमकिन हैं और हर-हर मोदी, घर-घर मोदी के भी नारे लगाए गए. मोदी मेरा परिवार नया नारा ट्रेंड किया तो विपक्ष से भी कई नारे सामने आए. भाजपा हटाओ, देश बचाओ और लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ. इतना ही नहीं मोदी हटाओ देश बचाओं के नारे भी लगे. 

जब नारों से लड़ी गई लड़ाई 
जब देश आजाद हुआ तो भारत में निरक्षर वोटरों की संख्‍या अधिक थी. ऐसे में दलों और नेताओं ने अपने एजेंडे को जनता तक पहुंचाने के लिए नारों का सहारा लिया. 1984 में बीजेपी ने हिंदुत्‍व की राह पकड़ी तो अयोध्‍या को केंद्रबिंदु में रखा. तभी तो विवादित ढांचा ढहाने के बाद एक नारा निकला जिसने बीजेपी को सत्‍ता तक पहुंचाया. 1992 में अभी तो पहली झांकी है मथुरा-काशी बाकी है. रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे. 

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