उत्तराखंड: वेतन कटौती पर विधायकों ने नहीं मानी अपील, त्रिवेंद्र सरकार ले आई अध्यादेश
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उत्तराखंड: वेतन कटौती पर विधायकों ने नहीं मानी अपील, त्रिवेंद्र सरकार ले आई अध्यादेश

 कोविड-19 के मद्देनजर विधायकों के वेतन भत्ते में 30% की कटौती को लेकर हो रही सियासत के बीच त्रिवेंद्र सरकार अध्यादेश ले आई है. जिसे आज कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई. इस विधेयक के पास होने के बाद से हर विधायक की सैलरी से 57 हजार रुपये की कटौती की जाएगी.

फाइल फोटो
देहरादून : कोविड-19 के मद्देनजर विधायकों के वेतन भत्ते में 30% की कटौती को लेकर हो रही सियासत के बीच त्रिवेंद्र सरकार अध्यादेश ले आई है. जिसे आज कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई. इसके तहत अब सभी विधायकों के वेतन और भत्तों से एक अप्रैल, 2020 से लेकर 31 मार्च, 2021 तक 30% कटौती का रास्ता साफ़ हो गया है. यानी एक विधायक के वेतन भत्तों से प्रत्येक महीने अब करीब 57 हजार रुपये की कटौती होगी. अध्यादेश को अगले सत्र में विधानसभा में रखा जाएगा.  
 
कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार पर साधा निशाना
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार ने विपक्ष को पहले भी विश्वास में नहीं लिया था, जब विधायकों की निधि से 1 करोड़ रुपए की राशि की कटौती का फैसला लिया गया था. उसके बाद फिर जब कैबिनेट ने विधायकों के वेतन भत्ते से 30% की कटौती का फैसला लिया, तब भी विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया था.
 
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार के आदेश के बाद विपक्ष के सभी विधायकों ने अपने वेतन भत्तों से 30% की कटौती करवाई, जबकि सत्ता पक्ष के अधिकांश विधायकों ने ऐसा नहीं किया. अब सरकार को इस संबंध में अध्यादेश लाना पड़ रहा है जो सरकार की कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करता है.
 
 
कोविड फंड को लेकर सीएम ने दिया था निर्देश
गौरतलब है कि त्रिवेंद्र कैबिनेट ने मार्च में कोविड फंड में सभी विधायकों के वेतन भत्तों से एक साल तक 30 फीसदी कटौती का फैसला किया था, लेकिन बीजेपी के विधायकों ने महज मूल वेतन से ही 30% की कटौती करवाई, जबकि कांग्रेस के सभी 11 विधायकों ने सरकार के फ़ैसले के अनुरूप वेतन भत्तों में 30 फीसदी कटौती कराई थी. इस पर खूब राजनीति भी हुई थी.
 
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