श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करीब 36 करोड़ रुपए मूल्य के 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों का ऑर्डर देने की तैयारी में है. उससे पहले ही यह आदेश आ गया है.
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अयोध्या: राम मंदिर निर्माण में अब एक नई चुनौती सामने आई है. दरअसल, जिस पिंक स्टोन का इस्तेमाल राम मंदिर में किया जाना है उसके खनन पर भरतपुर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. पांच हजार वर्षों तक अक्षुण्ण रहने वाले ये गुलाबी पत्थर सिर्फ राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बंशीपहाड़पुर में मिलते हैं.
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संसद भवन और लालकिला बंशी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से बने हैं
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट करीब 36 करोड़ रुपए मूल्य के 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों का ऑर्डर देने की तैयारी में है. उससे पहले ही यह आदेश आ गया है. देश में सदियों से जस की तस खड़ी तमाम इमारतें व किले यहीं के गुलाबी पत्थरों से बने हैं. संसद भवन, लालकिला, बुलंद दरवाजा सहित अक्षरधाम और इस्कॉन के अधिकांश मंदिरों में बंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों का ही इस्तेमाल हुआ है.
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राम मंदिर के लिए अभी 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों की जरूरत
राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद ने बहुत पहले ही गुलाबी पत्थरों को जमा करना शुरू कर दिया था. अयोध्या के कारसेवकपुरम कार्याशाला में इन पत्थरों पर नक्काशी और तराशी का काम भी हो चुका है. लेकिन राम मंदिर निर्माण के लिए अभी 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों की जरूरत और है. भरतपुर जिला प्रशासन के इस आदेश के बाद राम मंदिर निर्माण में बाधा आने की आशंका जताई जा रही है.
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