Aaj Ka Panchang : जानें सोमवार 27 मई का पंचांग, देखें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
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Aaj Ka Panchang : जानें सोमवार 27 मई का पंचांग, देखें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

27 May Ka Panchang : हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 27 मई 2024 को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है.  इस तिथि पर पूर्वाषाढा नक्षत्र और शुभ और शुक्ल योग का संयोग रहेगा.आज पूरा दिन पार कर भोर 4 बजकर 29 मिनट तक शुक्ल योग रहेगा.

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Aaj Ka Panchang 27 May 2024 : हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 27 May 2024 का पंचाग... 

वार -सोमवार

सूर्योदय -सूर्यास्त का समय 
सूर्योदय-सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर
सूर्यास्त- शाम में 7 बजकर 11 मिनट पर

 शुभ मुहूर्त 27 मई 2024
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 3 मिनट से 4 बजकर 44 मिनट तक

 विजय मुहूर्त :दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से 3 बजकर 31 मिनट तक
 निशिथ काल: मध्‍यरात्रि रात में 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
 गोधूलि बेला: शाम 7 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 31 मिनट तक
अमृत काल सुबह 7 बजकर 42 मिनट से 9 बजकर 21 मिनट तक

अशुभ मुहूर्त 27 मई 2024
राहुकाल सुबह: 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक
 गुलिक काल:दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक 
 यमगंड: सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक 
 दुर्मुहूर्त काल: दोपहर में 12 बजकर 46 मिनट से 1 बजकर 41 मिनट तक.  इसके बाद दोपहर में 3 बजकर 31 मिनट से 4 बजकर 27 मिनट तक

 

ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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